अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत मामले में सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर सामने आ रही है। पुलिस के उच्चपदस्थ सूत्रों के मुताबिक जिस सुसाइड नोट को फर्जी बताया जा रहा है, उसे खुद महंत नरेंद्र गिरि ने ही लिखा है।
सूत्रों के मुताबिक महंत नरेंद्र गिरि आत्महत्या का मन बना चुके थे और उन्होंने 5-6 दिनों में उन्होंने धीरे-धीरे सुसाइड नोट लिखा, जिसमें कई सारी बातों का जिक्र किया। पुलिस सूत्रों का कहना है कि अब सिर्फ फॉरेंसिक रिपोर्ट की औपचारिकता का ही इंतजार है। रिपोर्ट आते ही साफ हो जाएगा कि महंत नरेंद्र गिरि ने खुद ही सुसाइड नोट लिखा था।
गौरतलब है कि आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार स्वामी आनद गिरि के साथ ही अखाड़े से जुड़े कई साधु-संतों ने सुसाइड नोट पर सवाल खड़े करते हुए कहा था कि महंत नरेंद्र गिरि मुश्किल से अपने हस्ताक्षर कर पाते थे, ऐसे में सात पन्नों का सुसाइड नोट वे कैसे लिख सकते हैं? हालांकि पुलिस अपने स्तर से इस बात से संतुष्ट नजर आ रही है कि सुसाइड नोट की लिखावट महंत नरेंद्र गिरि की है और फॉरेंसिक रिपोर्ट आते ही इस बात की पुष्टि भी हो जाएगी।
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बुधवार को महंत नरेंद्र गिरि का एसआरएन अस्पताल में पांच डॉक्टरों के पैनल ने पोस्टमॉर्टम किया। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में फांसी लगने की वजह से मौत की पुष्टि हुई। उनके गले पर वी का निशान मिला, जो कि फांसी लगने की पुष्टि करता है। हालांकि उनके विसरा को सुरक्षित रखा गया है।
पोस्टमॉर्टम के बाद महंत नरेंद्र गिरि को संत परम्परा के मुताबिक श्री मठ बाघंबरी गद्दी में भू-समाधि दे दी गई। इस मौके पर देश भर के साधु-संत और अनुयायी उनके दर्शन के लिए उमड़े।