अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी ने अपने शिष्य और प्रयागराज संगम स्थित बड़े हनुमान मंदिर के छोटे महंत स्वामी आनन्द गिरी को पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी से निष्कासित कर दिया है।
उन पर आरोप है कि संन्यास धारण करने के बावजूद उन्होने अपने परिवार से संबंध रखा जो संत पंरपरा के विपरीत है। महंत नरेन्द्र गिरि ने पत्र में लिखा कि आनन्द गिरि हरिद्वार कुंभ के दौरान अपने मकान में परिवार के सदस्यों के साथ रहे और उन्होेने संत परंपरा का उल्लघंन किया। इसकी सूचना मिलने पर उन्होने तथ्यों की जांच करायी और सत्य जानने के बाद उनके बहिष्कार का निर्णय लिया गया।
महंत गिरि के अनुसार उन्होने अपने शिष्य आनंद गिरि को पहले भी समझाया था जब उन्होने उज्जैन और नासिक मेले मे अपने कैंप में परिवार के सदस्यों को जगह दी थी मगर उनकी दी गयी चेतावनी को उन्होने नजरअंदाज कर दिया था जिसके चलते उन्हे यह फैसला लेना पड़ा।