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पुरोला में होने वाली महापंचायत स्थगित, धामी बोले- प्रशासन अपना काम कर रहा

Mahapanchayat

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देहरादून। राज्य सरकार के सख्त रुख को देखते और 15 जून को महापंचायत (Mahapanchayat) की अनुमति न मिलने के कारण हिन्दू संगठनों ने फिलहाल महापंचायत नहीं करने का निर्णय लिया है। इस संबंध में मुख्यमंत्री (CM Dhami) ने कहा कि जिला प्रशासन अपना काम कर रहा है।

विशेष समुदाय के युवाओं के नाबालिग हिन्दू समुदाय की स्कूली छात्रा को बहला फुसलाकर भगाने की कोशिश करने के मामले को लेकर बीते 26 मई से चले आ रहे विवाद को लेकर हिन्दू संगठनों ने कल 15 जून को की जाने वाली महापंचायत अब नहीं होगी। जिला प्रशासन ने महापंचायत की अनुमति देने से इंकार कर दिया है। क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए 14 जून से 19 जून तक धारा 144 लागू कर दी गई है।

गौरतलब है कि हिन्दू संगठनों ने 15 जून को इस मुद्दे पर महापंचायत बुलाने की घोषणा की थी, जिसे लेकर कई तरह की आशंकाएं जताई जा रही हैं। हिन्दू संगठनों के पुरोला क्षेत्र में रहने वाले सभी मुस्लिम समुदाय के लोगों को 15 जून तक घर मकान और दुकानें भी खाली कराने का अल्टीमेटम दिया गया था। इसके मद्देनजर 2 दर्जन से अधिक दुकानदार और व्यवसायी पुरोला से पलायन कर चुके हैं, जिसे लेकर राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा जारी है। विश्व हिन्दू परिषद और प्रधान संगठनों ने प्रशासन से कल होने वाली महापंचायत की अनुमति मांगी गई थी, लेकिन कानून व्यवस्था की चुनौतियों के मद्देनजर अब प्रशासन ने महापंचायत की अनुमति देने से साफ मना कर दिया है। पूरे पुरोला क्षेत्र में आज से लेकर 19 जून तक धारा 144 लागू कर दी गई है।

प्रशासन ने बुधवार को पहली कोशिश संबंधित लोगों को यही समझाने की कि वह महापंचायत न करें और आमने-सामने बैठ कर समस्या के समाधान पर बात करें, लेकिन यह बैठक बेनतीजा ही है। हालांकि प्रशासन ने स्थानीय लोगों की मांग पर बिना पंजीकरण के रेहड़ी-ठेली भी न लगाने और गांवों में फेरी करने पर रोक लगाने पर सहमति जताई गई थी। पुरोला में घटना के दिन से बंद पड़ी दुकानों को प्रशासन अभी तक खुलवाने में कामयाब नहीं हो सका है। व्यापारियों का पलायन जारी है। मुस्लिम समुदाय के लोगों का साफ कहना है कि जो गलत है उन्हें सजा दी जाए, इसमें किसी को कोई एतराज नहीं है, लेकिन जो लोग 30-30 साल से यहां रह रहे हैं और उनसे कोई शिकायत किसी को नहीं है तो उन्हें किस बात की सजा दी जा रही है।

फिलहाल पुरोला में शांतिपूर्ण तनाव की स्थिति बनी हुई है। प्रशासन के अनुमति न देने और धारा 144 लागू किए जाने के बाद भी हिन्दू संगठनों के लोग अब भी महापंचायत की बात तो कर रहे हैं लेकिन उनके तेवर नरम पड़ चुके हैं। प्रशासन ने किसी भी स्थिति से निपटने की तैयारी कर ली गई है। भारी संख्या में पुलिस  बल की तैनाती से लेकर पुरोला जाने वाले सभी रास्तों पर पुलिस  का कड़ा पहरा बैठा दिया गया है और बिना चेकिंग के किसी को भी पुरोला नहीं जाने दिया जा रहा है।

प्रशासन अपना काम कर रहा है : धामी (CM Dhami)

इस बाबत प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Dhami) ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि पुरोला या अन्य जगह जो भी घटनाएं सामने आई हैं प्रशासन उन सभी पर ठीक से काम कर रहा है। आरोपितों पर कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि जब कानून अपना काम कर रहा है तो लोगों को कानून व्यवस्था को अपने हाथों में नहीं लेना चाहिए। प्रदेश में शांति और सद्भाव बनाए रखने में प्रशासन लगा हुआ है।

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पुलिस  महानिदेशक अशोक कुमार का कहना है कि किसी को भी शांति व्यवस्था भंग करने की इजाजत नहीं दी जाएगी। अगर माहौल खराब करने की कोशिश की गई तो सख्ती से निपटा जाएगा। सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं, धारा 144 लागू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि जो भी कानून को तोड़ने का प्रयास करेगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। हमारी खुफिया एजेंसियां और पुलिस  अधिकारी सतर्क हैं।

पुरोला की घटना को लेकर सुप्रीम कोर्ट  में दायर याचिका खारिज-

पुरोला में होने वाली महापंचायत को लेकर सुप्रीम कोर्ट  में दायर की गई याचिका खारिज कर दी गई है। सुप्रीम कोर्ट  का कहना है कि कानून व्यवस्था राज्य सरकार का मामला है, आप हाई कोर्ट जाएं। पुरोला की घटना पर अपूर्णानंद और अन्यों की दायर की गई इस याचिका में प्रदेश की कानून व्यवस्था का मुद्दा उठाया गया था। सुप्रीम कोर्ट  ने याचिकाकर्ता से पूछा कि आपको सरकार और प्रशासन पर भरोसा क्यों नहीं है।

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