मुंबई। सूचना के अधिकार (RTI) के तहत महाराष्ट्र में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। इस जानकारी के अनुसार फरवरी 2020 और दिसंबर के बीच महाराष्ट्र में कुल 12,179 नवजात की मृत्यु हुई है। यह बच्चे 0 से 1 साल के बीच के थे। जिलेवार आंकड़े से पता चला है कि मुंबई, अकोला, औरंगाबाद, नासिक, नागपुर और पुणे में 4,411 शिशु मृत्यु दर है। जो कुल मौतों का 36.22 फीसदी है।
इस अवधि के दौरान, मुंबई में सबसे अधिक 1,097 मौतें हुईं, इसके बाद अकोला 783, औरंगाबाद 729, नासिक 664, नागपुर 587, और पुणे 551 इन जिलों में सबसे ज्यादा मौतें हुईं। सिंधुदुर्ग 46, लातूर 78, और वाशिम 89 इन तीन जिले हैं जिन्होंने सबसे कम शिशु मृत्यु दर्ज की है।
मुंबई जैसे शहरों में कुपोषण पर काम करने की आवश्यकता
यह RTI एक NGO समर्थन द्वारा दायर की गई थी। जो मानव अधिकारों और कुपोषण के क्षेत्र में काम कर रही है। NGO के समन्वयक रूपेश कीर ने बताया कि हमने जो जानकारी प्राप्त की है वह चौंकाने वाली है। महाराष्ट्र में 2020 में 12,179 नवजात शिशुओं की मृत्यु हुई है।
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वहीं 1 से 5 वर्ष के बच्चों की मृत्यु की संख्या 1,872 है। पिछले साल फरवरी से दिसंबर तक देश में लॉकडाउन था। उन्होंने बताया कि वे राज्य के ग्रामीण और जनजातीय बेल्ट में कुपोषण की समस्या को उजागर कर रहे थे, लेकिन इन नंबरों ने मुंबई जैसे शहरों में काम करने की आवश्यकता की ओर इशारा किया है।
NGO ने स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे को एक पत्र भेजा
NGO ने महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे को एक पत्र भेजा है, जिसमें RTI के तहत प्राप्त आंकड़ों पर प्रकाश डाला गया है। पत्र में शिशु मृत्यु के विभिन्न कारणों का हवाला दिया गया था, जिसमें समय से पहले जन्म, मां और बच्चे का कुपोषण, संक्रमण, निमोनिया और सांस लेने में समस्या शामिल थी।
पत्र में कहा गया है कि शहरीकरण वाले क्षेत्रों में मौतों की अधिक संख्या एक चिंता का विषय है और इससे निपटने के लिए कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।