कंगना रणौत के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। देश की आजादी का साल 2014 बताकर कंगना विवादों में घिर गई हैं। सोशल मीडिया पर फैंस उनसे पद्मश्री वापस लेने की मांग कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर #KanganaRanautDeshdrohi टॉप ट्रेंडिंग में बना हुआ है। इस बीच महाराष्ट्र के भाजपा प्रमुख चंद्रकांत पाटिल ने कंगना के बयान को पूरी तरह से गलत करार दिया है।
चंद्रकांत पाटिल ने कहा है, किसी को भी आजादी की लड़ाई या फिर स्वतंत्रता सेनानियों पर नकारात्मक टिप्पणी करने का हक नहीं है। ऐसा करना सरासर गलत है। उन्होंने कहा कि आप प्रधानमंत्री के कामों की तारीफ कर सकते हैं, पर स्वतंत्रता आंदोलन की आलोचना नहीं। हालांकि, वह यह भी बोले कि अभिनेत्री ने किन भावनाओं के चलते ऐसी टिप्पणी की वो फिलहाल नहीं कह सकते हैं।
वहीं महात्मा गांधी के पड़पौत्र तुषार गांधी ने शुकव्रार को अभिनेत्री को नफरत का एक एजेंट बताते हुए ट्वीट किया, ‘पद्मश्री कंगना रणौत नफरत, असहिष्णुता की एजेंट है। यह हैरानी की बात नहीं है कि उन्हें लगता है कि भारत को आजादी 2014 में मिली। घृणा, असहिष्णुता, दिखावटी देशभक्ति और दमन को भारत में 2014 में आजादी मिली।
एनसीपी नेता और महाराष्ट्र कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक ने शुक्रवार को कहा हम अभिनेत्री कंगना रणौत के बयान की कड़ी निंदा करते हैं। उन्होंने स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान किया है। केंद्र को उनसे पद्मश्री वापस लेना चाहिए और उन्हें गिरफ्तार करना चाहिए। ऐसा लगता है कंगना रणौत ने इस तरह का बयान देने से पहले मलाना क्रीम (हशीश, एक विशेष किस्म की ड्रग्स जो हिमाचल में उगती है) की भारी खुराक ली है।
नौवें दिन भी नहीं हुआ पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कोई बदलाव, जानें अपने शहर के रेट
कंगना के भीख में मिली आजादी वाले बयान के बाद उनपर कई केस दर्ज हो चुके हैं। कंगना ने बृहस्पतिवार को यह कहकर विवाद उत्पन्न कर दिया था कि भारत को ‘वास्तविक आजादी’ 2014 में मिली थी।