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Mahashivratri 2021 : जानिए क्या है शिवरात्रि और महाशिवरात्रि में अंतर

Writer D by Writer D
08/03/2021
in Main Slider, ख़ास खबर, फैशन/शैली
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Masik Shivaratri

Masik Shivaratri

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फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि कहा गया है। इस बार यह शिवरात्रि 11 मार्च को है। मान्यता है इस दिन शिव आराधना करने से सालभर की शिव पूजा का फल मिलता है। वैसे तो शिवरात्रि हर महीने आती है लेकिन महाशिवरात्रि बड़ा पर्व माना जाता है। आइए जानते हैं शिवरात्रि और महाशिवरात्रि का अंतर।

शिवरात्रि और महाशिवरात्रि का अंतर

हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन आने वाली शिवरात्रि को केवल शिवरात्रि कहा जाता है लेकिन फाल्गुन मास की कृष्ण चतुर्दशी के दिन आने वाले शिवरात्रि को महाशिवरात्रि कहा जाता है। साल में होने वाली 12 शिवरात्रियों में से महाशिवरात्रि सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है। ऐसा माना जाता है कि फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी की रात भगवान शिव लिंग के रूप में प्रकट हुए थे। इसके अलावा कई लोगों का कहना है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की शादी हुई थी। इसलिए महाशिवरात्रि का पर्व जोर-शोर से मनाया जाता है।

महाशिवरात्रि पर बेल-पत्र चढाने का महत्व

पौराणिक ग्रंथों के मुताबिक, सृष्टि को संकट से बचाने के लिए भगवान शिव ने विष पिया था। वह विष इतना घातक था कि शिव का कंठ नीला पड़ गया। उस विष में इतनी गर्मी थी कि उसे पीने से भगवान शिव का मस्तक गर्म हो गया और उनके शरीर में पानी की कमी होने लगी। इसके बाद समस्त देवताओं ने उनके मस्तक पर बेल-पत्र चढ़ाए और जल अर्पित किया क्योंकि बेल-पत्र की तासीर ठंडी होती है और वह शरीर में पानी की कमी को भी पूरा करता है। ऐसा करने से शिव को बहुत आराम मिला और वह तुरंत प्रसन्न हो गए। इसके बाद भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए महाशिवरात्रि पर उन्हें बेल-पत्र और जल/दूध अर्पित किया जाता है।

Tags: kab hai Mahashivratri 2021mahashivratri 2021Mahashivratri ki puja
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