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Mahashivratri: शिव जी को भूलकर भी न चढ़ाएं ये फल, वरना अधूरी रह जाएगी पूजा

Mahashivratri

Mahashivratri

महाशिवरात्रि (Mahashivratri) का पर्व भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती को समर्पित है। पुराणों में यह उल्लेखित है कि इस दिन माता पार्वती और भगवान शिव का विवाह हुआ था। इसलिए यह दिन सभी भक्तों के लिए बेहद खास है। इस दिन विवाहित महिलाएं और अविवाहित कन्या अपने पति की लंबी आयु और शिवजी जैसा वर की कामना करते हुए व्रत रखती हैं। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए भक्त इस दिन निर्जला व्रत कर चार पहर पूजा करते हैं। भगवान शिव की पूजा बहुत सरल और साधारण होती है।

वैसे तो भगवान शिव (Shiva) अपने भक्त से एक लोटा जल से ही प्रसन्न हो जाते हैं, लेकिन फिर भी भक्त शिव जी को भाव और प्रेम के साथ फूल, बेलपत्र, धतूरा और नारियल समेत कई चीजें अर्पित करते हैं। वैसे तो भगवान शिव को सभी चीजें प्रिय है, लेकिन नारियल या श्रीफल भगवान शिव को नहीं चढ़ाया जाता है। जहां हिंदू धर्म में नारियल के बगैर पूजा-अनुष्ठान अधूरी है, वहीं शिवजी पर नारियल का फल नहीं चढ़ाया जाता है।

शिवलिंग पर नहीं चढ़ाया जाता है यह फल

शिवलिंग पर कौन सा फल नहीं चढ़ाना चाहिए, इस विषय में हमने अपने एक्सपर्ट पंडित शिवम पाठक से पुछा, तो उन्होंने बताया कि शिवलिंग की पूजा करते वक्त लोग भाव और भक्ति के साथ बेर, आम, केला, संतरा, धतूरा, नारियल और बेल समेत कई तरह के फल चढ़ाते हैं। लेकिन आपको बता दें कि शिवलिंग पर नारियल का फल नहीं चढ़ाया जाता है और न ही नारियल का पानी अर्पित किया जाता है। नारियल की उत्पत्ति समुद्र मंथन से हुई है और इसे माता लक्ष्मी का भी माना गया है। इसके अलावा भगवान शिव को कोई भी चीज अधूरी अर्पित नहीं की जाती है।

हमेशा शिवलिंग पर चावल के साबुत दाने, बिना कटे-फटे बेलपत्र, साबुत बेल और धतूरे का फल आदि चढ़ाया जाता है। वहीं अन्य देवी-देवताओं के मंदिर में नारियल को चढ़ाने के बाद तोड़कर प्रसाद के तौर पर बांटा जाता है। लेकिन शिवलिंग पर चढ़ी हुई चीजें प्रसाद के रूप में नहीं बांटी जाती और न ही नारियल को तोड़कर चढ़ाया जाता है। यदि एक नारियल अर्पित कर रहे हैं, तो भगवान शिव को लक्ष्मी अर्पित करने के समान माना गया है। चूंकि माता लक्ष्मी भगवान विष्णु की अर्धांगिनी है इसलिए शिवलिंग पर नारियल का फल नहीं चढ़ाया जाता है।

फल के अलावा नारियल का पानी भी शिवलिंग पर नहीं चढ़ाया जाता है, क्योंकि नारियल का पानी हल्का नमकीन होता है और इसका संबंध समुद्र से भी है। शिवलिंग पर कभी भी समुद्र का जल या नमकीन चीजें अर्पित नहीं की जाती है। इसलिए नारियल का उपयोग शिव जी के पूजा में नहीं किया जाता है।

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