फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि (Mahashivratri) पर्व मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसी तिथि पर भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। इसी कारण इस दिन को महाशिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। शिव भक्तों के लिए महाशिवरात्रि का दिन बेहद ही खास रहता है। इस दिन शिवजी और माता पार्वती की विशेष पूजा की जाती है। महाशिवरात्रि के दिन सच्चे मन से विधि-विधान से शिवजी की पूजा की जाए, तो उनकी कृपा प्राप्त होती है। आइए, जानें महाशिवरात्रि (Mahashivratri) का शुभ मुहूर्त, तिथि और पूजा विधि।
महाशिवरात्रि (Mahashivratri) शुभ मुहूर्त
महाशिवरात्रि (Mahashivratri) का त्योहार भगवान शिव को समर्पित होता है। पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 8 मार्च को रात 9 बजकर 57 मिनट पर शुरू होगी। यह अगले दिन यानी 9 मार्च को शाम 6.17 बजे समाप्त होगी। प्रदोष काल में महादेव की पूजा का विधान है। ऐसे में 8 मार्च को महाशिवरात्रि मनाई जाएगी।
महाशिवरात्रि (Mahashivratri) पूजा विधि
महाशिवरात्रि (Mahashivratri) के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर महादेव और मां पार्वती का ध्यान करके अपने दिन की शुरुआत करें। स्नान करें और साफ कपड़े पहनें। इसके बाद सूर्य देव को जल चढ़ाएं।
एक चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाएं और भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति स्थापित करें। इसके बाद गंगाजल, कच्चा दूध और दही समेत उनका अभिषेक करें।
इसके बाद दीपक जलाएं। इस दिन विधि-विधान से पूजा करें। शिव जी को मदार के पत्ते, बेलपत्र, नैवेद्य, भांग, धतूरा, फल, फूल आदि चढ़ाएं। महादेव की आरती और शिव चालीसा का पाठ करें। भगवान शिव के मंत्रों का भी जाप करें। इसके बाद भोग लगाएं और अंत में लोगों के बीच प्रसाद वितरित करें।