Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

इस दिन सर्वार्थसिद्धि योग में मनेगी महाष्टमी, जानें शुभ मुहूर्त

Masik Durga Ashtami

Masik Durga Ashtami

शारदीय नवरात्र (Shardiya Mavratri) में अष्टमी और नवमी (Mahashtami ) तिथि का विशेष महत्व है। नवरात्रि के आठवें दिन महाष्टमी मनाई जाती है। ये दिन मां दुर्गा की आठवीं शक्ति मां महागौरी को समर्पित हैं जो ऐश्वर्य, धन और समृद्धि की देवी मानी गई हैं। शास्त्रों के अनुसार नवरात्रि के आखिरी दो दिन मुख्य माने जाते हैं। क्योंकि अष्टमी तिथि पर देवी दुर्गा ने चंड-मुंड का संहार किया था और नवमी (Mahashtami)  को माता ने महिषासुर का वध कर भक्तों और समस्त संसार की रक्षा की थी।

मान्यता है कि नवरात्रि में अगर नौ दिन तक पूजा और व्रत न कर पाएं हो तो अष्टमी और नवमी के दिन व्रत रखकर देवी की उपासना करने से पूरे 9 दिन की पूजा का फल मिलता है। ज्योतिषाचार्य सुनील चौपड़ा ने बताया कि महाष्टमी के दिन मिट्टी के 9 कलश रखकर देवी दुर्गा के 9 रूपों का अव्हान किया जाता है और विशेष पूजा होती है।

शारदीय नवरात्र की अष्टमी तिथि (Mahashtami)  शुभ मुहूर्त

शारदीय नवरात्र की अष्टमी तिथि 21 अक्टूबर को रात्रि 09 बजकर 53 मिनट से प्रारंभ होगी और 22 अक्टूबर को शाम 07 बजकर 58 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि मान्य है। अतः 22 अक्टूबर को अष्टमी मनाई जाएगी। शारदीय नवरात्रि की अष्टमी तिथि पर सर्वार्थ सिद्धि योग व रवि योग का निर्माण हो रहा है।

सर्वर्थसिद्धि योग का निर्माण सुबह 06 बजकर 26 मिनट से लेकर संध्याकाल 06 बजकर 44 मिनट तक है। इस योग में जगत जननी आदिशक्ति की पूजा करने से सभी शुभ कार्यों में सिद्धि प्राप्ति होती है। इसी के साथ शारदीय नवरात्रि की अष्टमी तिथि पर दुर्लभ भद्रवास योग समेत ये अद्भुत संयोग बन रहे हैं। इन शुभ योग में मां की पूजा करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है।

शारदीय नवरात्रि पर कन्या पूजन मुहूर्त

नवरात्र में कन्या पूजन कुछ लोग दुर्गा अष्टमी (Mahashtami)  के दिन तो वहीं कुछ लोग महानवमी के दिन करते हैं। 22 अक्टूबर को दुर्गा अष्टमी (Mahashtami) है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 06 बजकर 26 मिनट से शाम 06 बजकर 44 मिनट तक है। ऐसे में आप 22 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 26 मिनट से कन्या पूजन कर सकते हैं।

महानवमी 23 अक्तूबर को है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 06 बजकर 27 मिनट से शाम 05 बजकर 14 मिनट तक है। वहीं रवि योग पूरे दिन है। ऐसे में आप 23 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 27 मिनट के बाद से कन्या पूजन कभी भी कर सकते हैं

Exit mobile version