मऊ। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी को झटका देते हुए इसके संस्थापक सदस्य और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महेंद्र राजभर (Mahendra Rajbhar) ने सोमवार को दो दर्जन से अधिक सदस्यों के साथ पार्टी से इस्तीफा दे दिया। इस दौरान उन्होंने सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि वह पार्टी के अभियान से भटक चुके हैं और अपने व्यक्तिगत अभियान के तहत धन बटोरने के चक्कर में लगे हुए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि वह मऊ विधायक अब्बास अंसारी को संरक्षण दे रहे हैं, जिन्हें आपराधिक मामलों में भगोड़ा घोषित किया जा चुका है।
मऊ जनपद मुख्यालय स्थित एक होटल प्लाजा में पत्रकारों से बातचीत में महेंद्र राजभर (Mahendra Rajbhar) ने कहा कि सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर येनकेन प्रकारेण केवल धन बटोरने के चक्कर में लगे रहते हैं। उन्होंने कहा कि 20 वर्ष पूर्व 27 अक्टूबर 2002 को हम सबकी उपस्थिति में पार्टी की स्थापना की गई थी और उस समय पार्टी का मिशन गरीब, दलित, मजदूर व वंचित समाज का उत्थान रखा गया था।
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महेंद्र राजभर ने संवाददाताओं से कहा, ओम प्रकाश राजभर केवल पैसा एकत्र करने में लगे हुए हैं। हमने 20 साल पहले वर्ष 2002 में गरीबों, दलितों, वंचितों के लिए काम करने के मिशन के साथ पार्टी की स्थापना की थी। लेकिन अब वह पैसे के लिए पार्टी का इस्तेमाल कर रहे हैं। राजभर ने कहा कि उनके इन कामों से आहत होकर प्रदेश महासचिव अर्जुन चौहान, प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. अवधेश राजभर सहित दो दर्जन से अधिक साथियों ने सुभासपा की सदस्यता छोड़ने का निर्णय लिया है।
ओमप्रकाश राजभर पर आरोप लगाते हुए महेंद्र राजभर ने कहा कि मऊ सदर विधायक अब्बास अंसारी को पूरे देश की पुलिस तलाश रही है, लेकिन उनके ओमप्रकाश राजभर के घर में छिपे होने की आशंका है। वर्ष 2017 विधानसभा चुनाव में मऊ सदर से सुभासपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महेंद्र राजभर को भाजपा-सुभासपा गठबंधन का प्रत्याशी बनाया गया था, जो बाहुबली मुख्तार अंसारी के खिलाफ चुनाव लड़े थे। हालांकि, वह मुख्तार अंसारी से कांटे की टक्कर में महज छ: हजार वोट से चुनाव हार गए थे।
इस बारे में सुभासपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण राजभर ने कहा कि ऐसा लगता है कि इस्तीफा देने वालों को समाजवादी पार्टी द्वारा प्रभावित किया जा रहा था। उन्होंने कहा, हम उनसे बात करने की कोशिश करेंगे।