इलाहाबाद हाईकोर्ट ने महोबा के पूर्व पुलिस अधीक्षक मणिलाल पाटीदार के लापता होने को गम्भीरता से लिया है और राज्य सरकार से पूछा है कि उनकी तलाश में शासन ने अभी तक क्या कदम उठाये हैं।
कोर्ट ने विवेचना कर रही जांच एजेन्सी को 14 जून तक हलफनामा दाखिल कर यह बताने का निर्देश दिया है कि लापता पाटीदार की तलाश में अभी तक क्या कदम उठाये हैं। जब अग्रिम जमानत अर्जी कोर्ट से खारिज हो गयी तो गिरफ्तारी के क्या प्रयास किये गये।
कोर्ट ने पूछा है कि क्या परिवार के किसी सदस्य ने लापता होने की शिकायत की है। अगर ऐसा है तो उस पर क्या ऐक्शन लिया गया। क्या पुलिस ने पाटीदार का मोबाइल फोन सर्विलांस पर डाला है। उसकी लास्ट लोकेशन क्या थी। क्या पुलिस ने परिवार के सदस्यो के बयान दर्ज किये हैं। बयान की प्रकृति क्या है और उसका खुलासा किया जाय। कोर्ट ने यह भी पूछा है कि क्या पुलिस ने पाटीदार की गिरफ्तारी के लिए कुर्की कार्यवाही की है। सभी तथ्यों की जानकारी दी जाय। याचिका की सुनवाई 14 जून को होगी।
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यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज मिश्र तथा न्यायमूर्ति एसएसएच रिजवी की खंडपीठ ने अधिवक्ता डॉ. मुकुटनाथ वर्मा की तरफ से दाखिल बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है।
अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने कहा कि पाटीदार के खिलाफ कई आपराधिक केस हैं। वह कई वकीलों के सम्पर्क में होंगे। उन्होंने अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल की थी, जो खारिज हो गयी। याची अधिवक्ता है। उनके द्वारा याचिका में अधिकारियों के खिलाफ लगाये गये आरोप व्यक्तिगत जानकारी के नहीं है। ऐसे में इन आरोपों पर कोर्ट आदेश न जारी करे।
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याची का कहना है कि पाटीदार ने उससे वॉट्सएप काल के जरिये 15 नवम्बर को सम्पर्क किया और कहा कि वह केस के सिलसिले मे 27 नवम्बर 20 को आ रहे हैं, किन्तु वह नहीं आये। याचिका मे आशंका जाहिर की गयी है कि मणिलाल पाटीदार महोबा मे एसपी थे। उन्होंने खनन माफिया के खिलाफ कार्रवाई की। जिससे कई बड़े अधिकारी उनसे नाराज हो गये हैं। तभी से वह लापता हैं। कहा गया है कि हो सकता है अधिकारियों ने पकड़ लिया हो। उनकी जान को गम्भीर खतरा है। यह भी हो सकता है कि उन्हें अवैध रूप से निरुद्ध किया गया हो। इसलिए पाटीदार का पता लगाकर कोर्ट में पेश किया जाय। क्योंकि उनका जीवन खतरे में है। साथ ही पूरे मामले की जांच सीबीआई से करायी जाय।
सरकार का कहना था कि अग्रिम जमानत अर्जी खारिज होने के बाद गिरफ्तारी से बचने के लिए अधिकारियों को बदनाम करने के आरोप लगाये गये हैं। कोर्ट ने कहा पाटीदार पुलिस फोर्स के एसपी रैंक के अधिकारी रहे हैं, वह लापता हैं। जीवित है या नही, इसका पता लगाया जाना चाहिए। यह एक गम्भीर मामला है, जिसका खुलासा होना ही चाहिए