इलाहाबाद हाईकोर्ट ने महोबा के निलंबित एसपी मणिलाल पाटीदार की उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने क्रसर व्यवसायी की मौत को लेकर अपने विरुद्ध दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की थी।
यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति गोविंद माथुर एवं न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा की खंडपीठ ने मणिलाल पाटीदार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल चतुर्वेदी एवं इमरान उल्लाह और राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल व अपर शासकीय अधिवक्ता आशुतोष कुमार संड को सुनकर दिया है। कोर्ट ने निलंबित एसपी को मामले की विवेचना में सहयोग करने को कहा है।
दरअसल महोबा में विस्फोटक का कारोबार करने वाले इंद्रकांत ने एसपी पाटीदार के जरिए घूस मांगे जाने का वीडियो वायरल किया था। इस पर एसपी सहित कई पुलिसवालों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सस्पेंड कर दिया था।
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उनके खिलाफ भ्रष्टाचार का मुकदमा भी दर्ज किया गया। इंद्रकांत त्रिपाठी को आठ सितम्बर को महोबा में गोली लगने के बाद कानपुर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहां पांचवें दिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
इस मामले में महोबा के तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार सहित चार के खिलाफ हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज हुआ था। व्यापारी की मौत के बाद यह हत्या के मुकदमे में बदल गया।
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इसके बाद पुलिस एसपी मणिलाल पाटीदार को तलाश में लग गई। इस बीच निलंबित एसपी मणिलाल पाटीदार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में एफआईआर को रद्द करने याचिका डाल दी।