मकर संक्रांति (Makar Sankranti) का त्योहार हर साल जनवरी में मनाया जाता है। इस दिन गंगा स्नान और दान-पुण्य करने का काफी महत्व है। यह पर्व पूरे भारत में किसी न किसी रूप में मनाया जाता है। मान्यता है की मकर संक्रांति के दिन किया गया दान सालों-सालों तक पुण्य प्रदान करता है। मकर संक्रांति पर विशेष रूप से सूर्य पूजा होती है। आइए जानते हैं मकर संक्रांति किस दिन मनाई जाएगी व पूजा-विधि-
कब है 2025 में मकर संक्रांति (Makar Sankranti) ?
पंचांग के अनुसार, 14 जनवरी को सुबह में 09:03 बजे सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे। धार्मिक मान्यता के अनुसार, मकर संक्रांति के दिन ग्रहों के राजकुमार सूर्य देव शनि की राशि मकर में प्रवेश करते हैं और इस दिन सूर्य उत्तरायण होते हैं। 14 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जाएगी।
मकर संक्रांति (Makar Sankranti) शुभ मुहूर्त:
मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान और दान-पुण्य करने का शुभ मुहूर्त सुबह 9:03 बजे से लेकर शाम 05:46 बजे तक है। इस शुभ मुहूर्त में गंगा स्नान और दान करने से विशेष लाभ मिलेगा। इसका पुण्य काल की अवधि 8 घंटे 43 मिनट की है। महापुण्य काल सुबह 09:03 बजे से लेकर सुबह 10:48 बजे तक रहेगा। मकर संक्रांति के दिन तिल का दान करना बहुत ही शुभ माना जाता है।
पूजा-विधि
1 सुबह-सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठ जाएं और पानी में गंगाजल और मिलाकर स्नान करें।
2- गणेश जी का ध्यान करें।
3- तांबे के लोटे में जल, लाल पुष्प, लाल रोली, गुड़, अक्षत और काला तिल मिलकर उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दें।
4- अर्घ्य देते समय सूर्य मंत्र और गायत्री मंत्र पढ़ें।
5- अर्घ्य देते समय जल की धारा में देखकर सूर्य देव का दर्शन करना बेहद ही शुभ माना जाता है।
6- इसके बाद सूर्य देव को धूपबत्ती या घी का दीपक दिखाएं और 3 बार परिक्रमा करें।
7- अब भोग अर्पित करने के बाद क्षमा प्रार्थना करें।