हिंदू धर्म में मकर संक्रांति (Makar Sankranti) का विशेष महत्व है। शास्त्रों के अनुसार, भगवान सूर्य बारह राशियों के भ्रमण के दौरान जब मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जाता है। इस त्योहार को सरकात, लोहड़ा, टहरी, पोंगल आदि नामों से जानते हैं। मकर राशि के सूर्य होने पर तिल खाना शुभ होता है। इस दिन स्नान व दान का भी विशेष महत्व माना गया है। इस दिन लोग पवित्र नदियों में स्नान भी करते है। मकर संक्रांति के दिन दान करना भी शुभ होता है। मान्यता है कि मकर संक्रांति (Makar Sankranti) के दिन दान करने से फल कई गुना अधिक मिलता है। मकर संक्रांति के दिन सूर्य का अपने पुत्र शनि से मिलन होता है। इस दिन शुक्र ग्रह का उदय भी होता है। यही कारण है कि इस दिन से शुभ व मांगलिक कार्य की शुरुआत होती है। मकर राशि के सूर्य होते ही सूर्यदेव उतरायण हो जाते हैं और देवताओं के दिन और दैत्यों के लिए रात शुरू होती है। खरमास खत्म होने के साथ ही माघ माह शुरू हो जाता है।
2025 में मकर संक्रांति (Makar Sankranti) की डेट– 14 जनवरी, 2024, मंगलवर
मकर संक्रान्ति (Makar Sankranti) पुण्य काल – 09:03 ए एम से 05:46 पी एम
अवधि – 08 घण्टे 42 मिनट्स
मकर संक्रान्ति (Makar Sankranti) महा पुण्य काल – 09:03 ए एम से 10:48 ए एम
अवधि – 01 घण्टा 45 मिनट्स
मकर संक्रान्ति (Makar Sankranti) का क्षण – 09:03 ए एम
तिल खाना होता है शुभ-
मकर राशि के सूर्य के साथ ही पुण्यकाल में स्नान व दान के बाद चूड़ा-दही व तिल खाना शुभ होगा। पुण्यकाल में स्नान के बाद तिल का होम करने और चूड़ा, तिल, मिठाई, खिचड़ी सामग्री, गर्म कपड़े दान करने व इसे ग्रहण करने से घर में सुख-समृद्धि आती है।
मकर संक्रांति (Makar Sankranti) पर करें ये काम-
सूर्यदेव को मकर संक्रांति (Makar Sankranti) के दिन अर्घ्य के दौरान जल, लाल पुष्प, फूल, वस्त्र, गेंहू, अक्षत, सुपारी आदि अर्पित की जाती है। पूजा के बाद लोग गरीबों या जरुरतमंद को दान देते हैं। मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी का विशेष महत्व होता है।