भादपद्र के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता हैं जो कि इस बार 30 अगस्त को पड़ रही हैं। इस दिन घर और मंदिरों में कान्हा के बाल स्वरुप की पूजा की जाती हैं। कृष्ण जी को स्नान कराकर उनका श्रृंगार किया जाता हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कान्हा के श्रृंगार से आपकी मनोकामनाओं की पूर्ती जुड़ी हुई हैं। जी हां, अपनी मनोकामना के अनुसार कृष्णा जी का श्रृंगार व भोग लगाने से मनचाहा फल मिलता है। तो आइये जानते हैं किस मनोकामना के लिए किस तरह बाल गोपाल का श्रृंगार किया जाए।
परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए
कान्हा जी का लाल रंग के वस्त्र से श्रृंगार करें। इसके बाद उन्हें मिश्री का भोग लगाकर प्रार्थना करें। मान्यता है कि इससे जीवन से दुखों का अंत होकर घर में खुशहाली आती है।
बिगड़ते काम बनाने के लिए
जन्माष्टमी की रात चांदी के वर्क से बाल गोपाल जी का श्रृंगार करें। इसके साथ सफेद चंदन का तिलक करके मक्खन का भोग लगाएं। मान्यता है कि इससे कार्यों में आने वाली परेशानियों से छुटकारा मिलता है। कारोबार व नौकरी में परेशानी आने पर कान्हा जी का श्रृंगार लहरिया प्रिंट वाले वस्त्रों से करके दही का भोग लगाएं।
संतान प्राप्ति के लिए
निसंतान दम्पति कान्हा जी को सफेद रंग की पोशाक पहनाएं। फिर उन्हें दूध और केसर का भोग लगाएं। कहा जाता है कि इससे भगवान प्रसन्न होकर जल्दी ही संतान सुख देते हैं।
मान-प्रतिष्ठा में वृद्धि के लिए
समाज में मान-प्रतिष्ठा बढ़ाने के लिए बाल गोपाल जी का गुलाबी रंग के वस्त्र से श्रृंगार करें। इसके साथ ही कान्हा को अष्टगंध का तिलक लगाकर मक्खन-मिश्री का भोग लगाएं। इसके अलावा जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण को हरे रंग के कपड़े पहनाकर मावे का भोग लगाएं। मान्यता है कि इससे भगवान श्रीकृष्ण की अशीम कृपा घर-परिवार पर रहती है।
आर्थिक मजबूती के लिए
आर्थिक परेशानी से जूझ रहे लोग कान्हा जी को लाल रंग की पोशाक पहनाकर मिल्क केक का भोग लगाएं। इससे आर्थिक तंगी दूर होकर घर में अन्न व धन की बरकत बनी रहेगी।
घर की खुशहाली के लिए
घर में शांति व खुशहाली बनाएं रखने के लिए इस जन्माष्टमी बाल गोपाल का का श्रृंगार केसरिया वस्त्र से करें। इसके बाद उन्हें घी का भोग लगाएं।
कोर्ट-कचहरी के मामले से छुटकारा पाने के लिए
जो लोग किसी कोर्ट-कचेहरी के मामले में फंसे है वे पीले और लाल रंग के मिश्रित वस्त्र से कान्हा जी का श्रृंगार करें। इसके साथ ही उनके कुंडलों और तिलक में ही इन्ही रंगों का इस्तेमाल करें। फिर श्रीकृष्णा जी को मिश्री का भोग लगाकर प्रार्थना करें।
प्रतियोगिता में सफलता पाने के लिए
अगर आपको किसी प्रतियोगिता में सफलता नहीं मिल पा रही है तो जन्माष्टमी के पावन अवसर पर कान्हा जी को नीले रंग के वस्त्र पहनाएं। उसके बाद उन्हें बालूशाही का भोग लगाएं।