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तिरंगे को बनाएं सोशल मीडिया प्रोफाइल: पीएम मोदी

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 91वीं कड़ी में आजादी की 75वीं वर्षगांठ और आजादी के अमृत महोत्सव का जिक्र किया। देश के महान क्रांतिकारियों को याद करते हुए उन्होंने लोगों से ‘हर घर तिरंगा’ अभियान से जुड़ने की अपील की। उन्होंने कहा कि तिरंगा अभियान के तहत हम तिरंगे को अपना सोशल मीडिया प्रोफाइल भी बना सकते हैं।

प्रधानमंत्री ने ‘मन की बात’ की 91वीं कड़ी को आजादी का अमृत महोत्सव के तहत देशभर में चल रहे कार्यक्रमों, अभियानों और देश की मेलों की संस्कृति पर केंद्रित रखा। साथ ही उन्होंने खिलौनों, शहद और आयुष के क्षेत्र में देश के बढ़े निर्यात का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव एक जन आंदोलन का रूप ले रहा है। जीवन के सभी क्षेत्रों और समाज के हर वर्ग के लोग देशभर में विभिन्न कार्यक्रमों में भाग ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोगों से ‘हर घर तिरंगा’ अभियान का हिस्सा बनना चाहिए और 13 से 15 अगस्त तक अपने घर पर तिरंगा फहराना चाहिए। लोग 2 से 15 अगस्त तक अपनी सोशल मीडिया प्रोफाइल पिक्चर में तिरंगा लगा सकते हैं।

खिलौनों के निर्यात में पावरहाउस बन रहा है भारत

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश आज खिलौनों के निर्यात में पावरहाउस बन रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे युवाओं, उद्यमियों और स्टार्ट-अप के प्रयासों से मिली सफलता ऐसी है कि जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी। भारत में अब विदेश से आने वाले खिलौनों की संख्या लगातार कम हो रही है। पहले जहां 3 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के खिलौने बाहर से आते थे, वहीं अब इनका आयात 70 प्रतिशत तक घट गया है। इसी दौरान भारत ने दो हज़ार छह सौ करोड़ रुपये से अधिक के खिलौनों को विदेशों में निर्यात किया है। पहले केवल 300-400 करोड़ रुपये के खिलौने ही भारत से बाहर जाते थे। महत्वपूर्ण बात यह है कि ये सब कोरोनाकाल में हुआ है।

आयुष निर्यात में हो रही रिकॉर्ड वृद्धि

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दुनियाभर में आयुर्वेद और भारतीय चिकित्सा में रुचि बढ़ रही है। आयुष निर्यात में रिकॉर्ड वृद्धि देखी गई है। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में आयुष ने वैश्विक स्तर पर अहम भूमिका निभाई है। दुनियाभर में आयुर्वेद और भारतीय औषधियों के प्रति आकर्षण बढ़ रहा है। ये एक बड़ी वजह है कि आयुष निर्यात में रिकॉर्ड तेजी आई है। इस क्षेत्र में कई नए स्टार्ट-अप भी सामने आ रहे हैं।

मधुमक्खी पालन और शहद मिशन बढ़ा रहा किसानों की आय

मोदी ने कुछ सफलता की कहानियों का उल्लेख करते हुए कहा कि राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन और शहद मिशन जैसी पहल हमारे किसानों की आय बढ़ाने में मदद करके उनके जीवन को बदल रही हैं। हाल के समय में देश से शहद का निर्यात बढ़ा है। इस क्षेत्र में और भी बड़ी संभावनाएं हैं। वे चाहेंगे कि हमारे युवा इन अवसरों से जुड़कर उनका लाभ लें और नई संभावनाओं को साकार करें।

युवा हर क्षेत्र में कर रहे देश को गौरवान्वित

प्रधानमंत्री ने कहा कि जुलाई का महीना खेलकूद की दृष्टि से एक्शन से भरपूर रहा है। इस दौरान भारतीय खिलाड़ियों ने विश्व मंच पर असाधारण रूप से अच्छा प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा, “कक्षा हो या खेल का मैदान, आज हमारे युवा, हर क्षेत्र में, देश को गौरवान्वित कर रहे हैं।” पीवी सिंधु और नीरज चौपड़ा की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए उन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों में भाग लेने वाले खिलाड़ियों और एथलिटों को शुभकामनाएं दीं।

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रेलवे का दिलस्प प्रयास बता रहा स्वतंत्रता आंदोलन में भारतीय रेलवे की भूमिका

प्रधानमंत्री ने रेलवे की ओर से किए गए एक दिलचस्प प्रयास का जिक्र किया जिसे ‘आजादी की रेलगाड़ी और रेलवे स्टेशन’ नाम दिया गया है। इस प्रयास का उद्देश्य लोगों को स्वतंत्रता आंदोलन में भारतीय रेलवे की भूमिका से अवगत कराना है। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में लखनऊ के पास काकोरी, झारखंड के गोमो जंक्शन तमिलनाडु के लोगों से बात करने पर थुथुकुडी जिले के वान्ची मणियाच्ची जंक्शन का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास से जुड़े देश में अनेक रेलवे स्टेशन हैं। इन रेलवे स्टेशनों के बारे में जानकार हम सभी हैरान होंगे।

जन और मन दोनों को जोड़ते हैं मेले, इनका अपना सांस्कृतिक महत्व

प्रधानमंत्री मोदी ने इस कार्यक्रम में देशभर में आयोजित होने वाले मेलों का जिक्र करते हुए कहा कि हमारे देश में मेलों का बड़ा सांस्कृतिक महत्व है। मेले, जन-मन दोनों को जोड़ते हैं। उन्होंने तेलंगाना के मेडारम का चार दिवसीय समक्का-सरलम्मा जातरा मेले, आंध्रप्रदेश में मारीदम्मा के आदिवासी समाज की मान्यताओं से जुड़े मेले और हिमाचल में वर्षा के बाद खरीफ फसलों के पकने जुड़े मेले, जैसे कि सितंबर में होने वाले जागरा मेले का उल्लेख किया।

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