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24 साल बाद कांग्रेस को मिला नया अध्यक्ष, मल्लिकार्जुन खड़गे बने पार्टी के आलाकमान

Mallikarjun Kharge

Mallikarjun Kharge

नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी को 24 साल बाद नया अध्यक्ष मिल गया है। चुनाव में मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने शशि थरूर को करीब सात हजार वोट से हरा दिया है। आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, खड़गे को 7 हजार 897 वोट मिले। वहीं, शशि थरूर को एक हजार वोट ही मिल सके। 416 वोट रिजेक्ट कर दिए गए। हालांकि, वोटों की गिनती के बीच ही राहुल गांधी ने बता दिया था कि पार्टी का नया अध्यक्ष कौन होगा। भारत जोड़ो यात्रा पर निकले आंध्र में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राहुल ने कहा था- अब मेरा रोल भी खड़गे जी (Mallikarjun Kharge) ही तय करेंगे।

नतीजों से तय हुआ कांग्रेस का 65वां अध्यक्ष

इस चुनाव में जीत के साथ ही खड़गे (Mallikarjun Kharge) कांग्रेस अध्यक्ष बनने वाला 65वें नेता बन गए हैं। वे कांग्रेस अध्यक्ष बनने वाले दूसरे दलित नेता हैं। बाबू जगजीवनराम कांग्रेस अध्यक्ष बनने वाले पहले दलित नेता थे। आजादी के बाद 75 साल में से 42 साल तक पार्टी की कमान गांधी परिवार के पास रही। वहीं, 33 साल पार्टी अध्यक्ष की बागडोर गांधी परिवार से अलग नेताओं के पास रही।

आखिरी बार 1998 में वोटिंग से हुआ था चुनाव

कांग्रेस में अध्यक्ष पद के लिए आखिरी बार साल 1998 में वोटिंग हुई थी। तब सोनिया गांधी के सामने जितेंद्र प्रसाद थे। सोनिया गांधी को करीब 7,448 वोट मिले, जबकि जितेंद्र प्रसाद 94 वोटों पर ही सिमट गए। सोनिया गांधी के अध्यक्ष बनने के बाद से गांधी परिवार को कभी कोई चुनौती नहीं मिली। इस बार राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने से इनकार करने के बाद पार्टी में अध्यक्ष पद के लिए चुनाव कराने का फैसला लिया गया था।

ऐसे हुई AICC प्रेसिडेंट इलेक्शन की काउंटिंग

पार्टी अध्यक्ष पद के लिए 24 साल बाद हुए चुनाव के वोटों की गिनती सुबह 10 बजे शुरू हुई। चुनाव के लिए देशभर की सभी प्रदेश कांग्रेस कमेटियों में बैलेट बॉक्स भेजे गए थे। 17 अक्टूबर को वोटिंग के बाद मतपेटियां नई दिल्ली के 24 अकबर रोड पर कांग्रेस मुख्यालय (AICC) लाई गई थीं। यहीं उनकी काउंटिंग की गई।

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बुधवार को काउंटिंग शुरू होने से पहले मतपत्रों को आपस में मिक्स कर दिया गया, ताकि यह पता न चल सके कि किस उम्मीदवार को किस राज्य से कितने वोट मिले हैं। इसके बाद वोटों की छंटनी की गई। इस प्रक्रिया के बाद 50-50 मतपत्रों के बंच बनाकर उनकी काउंटिंग की गई। इस दौरान हर बंच की गिनती का रिकॉर्ड रखा गया।

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