मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के चुनावी ड्यूटी पर तैनात सीआरपीएफ के जवानों को घेरने वाले बयान को लेकर चुनाव आयोग ने ममता बनर्जी को नोटिस भेजा है। आयोग ने इस नोटिस का जवाब देने के लिए 10 अप्रैल को सुबह 10:00 बजे तक का समय दिया है।
शुक्रवार को चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को 28 मार्च और 07 अप्रैल को केंद्रीय सुरक्षा बलों के खिलाफ दिए उनके बयान को लेकर उन्हें नोटिस भेजा और 10 अप्रैल तक जवाब देने को कहा है।
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07 अप्रैल 2021 को कूचबिहार में एक चुनावी रैली को सम्बोधित करते हुए ममता बनर्जी ने आरोप लगाया था कि भाजपा के इशारे पर सीआरपीएफ के जवान उपद्रव कर रहे हैं, महिलाओं पर हमला कर रहे हैं और मतदाताओं को परेशान कर रहे हैं और जनता को वोट डालने से राेक रहे हैं। उन्होंने कहा था कि यदि सीआरपीएफ के जवान परेशान करें, तो उनका घेराव करे।
आयोग की ओर से जारी किए गए नोटिस में कहा गया है कि प्रारंभिक तौर पर ममता बनर्जी का बयान चुनाव की आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है। आयोग ने साफ किया है कि अगर ममता बनर्जी तय समय सीमा के अंदर जवाब नहीं देती हैं तो आयोग उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए स्वतंत्र है। भाजपा ने ममता बनर्जी के बयान को संविधान विरोधी बताते हुए उन्हें चुनाव प्रचार करने से रोक लगाने की मांग की थी।
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उल्लेखनीय है कि इसके पहले भी चुनाव आयोग ने मुस्लिमों को एकजुट होकर वोट करने के ममता बनर्जी के बयान पर आपत्ति जताई थी और उन्हें नोटिस भेजा था।