कोलकाता। पश्चिम बंगाल सरकार और केंद्र सरकार के बीच पिछले काफी समय से तनातनी जा रही है। केंद्र और राज्य सरकार के बीच जारी विवाद और बढ़ने के आसार हैं क्योंकि ममता बनर्जी सरकार ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हुए हमले के दौरान ड्यूटी पर मौजूद रहे तीन आईपीएस अधिकारियों में से एक को पदोन्नत किया है। वहीं एक अन्य का तबादला कर दिया गया है। जिस समय नड्डा के काफिले पर हमला हुआ था ये तीनों आईपीएस घटना स्थल पर ड्यूटी कर रहे थे।
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इनके ऊपर नड्डा की सुरक्षा की जिम्मेदारी थी। 10 दिसंबर को डायमंड हार्बर में एक बैठक के लिए जब नड्डा, भाजपा के बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय जा रहे थे तब उनके काफिले पर पत्थर फेंके गए। ममता सरकार ने सोमवार को यह फेरबदल किया है।
नड्डा के काफिले पर हुए हमले के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने तीनों आईपीएस अधिकारियों को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर बुलाया था। इस घटना में विजयवर्गीय सहित कई भाजपा कार्यकर्ता घायल हो गए थे।
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एक आईपीएस अधिकारी को प्रमोशन दिए जाने से भाजपा नाराज है और इसे उकसावे वाला कदम बताया है। यह एक तरह से संकेत है कि भाजपा नेताओं पर हमला करने वालों को इनाम मिलेगा।’ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मंगलवार को बीरभूम के बोलपुर में रोड शो कर रही हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा, ‘जिस अधिकारी पर नड्डा के काफिले पर हमले को लेकर कार्रवाई होनी चाहिए थी, उसको प्रमोशन दिया गया है। यह उकसाने वाला कदम है।