पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बागपत में शनिवार को जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव से पहले नेताओं का पाला बदलने का सिलसिला शुरू हो गया है। इससे पहले रालोद प्रत्याशी ममता जयकिशोर अपने पति जय किशोर के साथ भाजपा में शामिल हो गईं। लेकिन थोड़ी देर बाद फिर ममता जयकिशोर ने राष्ट्रीय लोक दल के सिंबल पर अपना नामांकन किया। यह सीट अनुसूचित जाति और महिला के लिए आरक्षित है। इससे पहले भाजपा ने सपा उम्मीदवार बबली को अपने पाले में कर लिया था।
रालोद प्रत्याशी ममता जयकिशोर ने बीजेपी सांसद सत्यपाल सिंह पर अपहरण कराकर बीजेपी जॉइन करवाने का आरोप लगाया है। जबकि आरएलडी में वापसी करते हुए ममता जय किशोर के प्रस्तावकों ने नामांकन किया। उधर, ममता के आरएलडी से नामांकन के बाद बीजेपी का निर्विरोध चुने जाने का गणित बिगड़ा गया है। ऐसे में बागपत में बीजेपी से बबली और आरएलडी से ममता जय किशोर के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिलेगी।
जिपं अध्यक्ष चुनाव नामांकन से पहले रलोद प्रत्याशी बीजेपी में शामिल
बता दें कि जिला पंचायत सदस्य चुनाव में भाजपा के 20 में से चार प्रत्याशी ही जीते थे। अध्यक्ष पद अनुसूचित जाति की महिला के लिए आरक्षित है। रालोद से ममता जयकिशोर और सपा से बबली देवी ही इस वर्ग से जीती थीं। भाजपा के पास अध्यक्ष पद का प्रत्याशी भी नहीं था। हालांकि, अभी भी रालोद नेताओं ने उम्मीद नहीं छोड़ी है।
गौरतलब है कि बीजेपी ने जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में 65 सीटें जीतने का लक्ष्य निर्धारित किया था। बीजेपी की ओर से जिला पंचायत सदस्य चुनाव में 65 सीटें जीतने का लक्ष्य निर्धारित किए जाने के बाद से ही नेताओं के दबल-बदल की आशंका जताई जा रही थी। इस चुनाव में निर्दल प्रत्याशी किंग मेकर की भूमिका में नज़र आएंगे। शनिवार को कलेक्ट्रेट में कड़ी सुरक्षा के बीच अध्यक्ष पद के नामांकन पत्र दाखिल होगा। तीन जुलाई को मतदान के साथ मतों की गणना होगी।