नई दिल्ली। पिछले सप्ताह केरल के एर्नाकुलम से एक ट्रेन दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन स्टेशन के लिए निकली। लेकिन बीच रास्ते यहां ट्रेन में सफर कर रहे एक यात्री के साथ दर्दनाक हादसा हो गया। S6 कोच में एक यात्री निचली सीट पर बैठा था। तभी अचानक से अपर बर्थ (Upper Berth) उसके ऊपर आ गिरी। इससे कोच में चीख पुकार मच गई। निचली सीट पर बैठा यात्री गंभीर रूप से घायल हो गया। आनन-फानन में ट्रेन को नजदीकी रेलवे स्टेशन पर रुकवाया गया।
घायल यात्री को तुरंत नजीदीकी अस्पताल इलाज के लिए ले जाया गया। उसके तीन ऑपरेशन किए गए। फिर भी डॉक्टर पैसेंजर को बचा न सके। डॉक्टरों ने बताया कि यात्री की गर्दन 3 जगह से टूट गई थी। इस कारण उसकी मौत हो गई। अब रेलवे ने इस घटना पर सफाई दी है। कहा कि बर्थ को ठीक तरह से चैन से फिट नहीं किया गया था, इसीलिए ये हादसा हुआ।
मृतक यात्री का नाम अली खान (62) था। वह एर्नाकुलम-हजरत निजामुद्दीन मिलेनियम सुपरफास्ट एक्सप्रेस (12645) के स्लीपर कोच में सफर कर रहा था। ट्रेन 15 जून को एर्नाकुलम से रवाना हुई और 17 जून को हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन पहुंची। जब तेलंगाना से गुजर रही थी उसी दौरान S6 कोच में एक अपर बर्थ (Upper Berth) नीचे गिरा। इससे निचली सीट पर बैठा अली खान गंभीर रूप से घायल हो गया और उसकी मौत हो गई।
गर्दन की तीन हड्डियां टूटीं थीं
डॉक्टरों ने बताया कि पैसेंजर की गर्दन की तीन हड्डियां टूट गई थीं और वो पैरलाइज्ड हो गया था। उसकी तीन इमरजेंसी सर्जरी की गईं। लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। इस खबर के बाद रेल मंत्रालय की ओर से कहा गया कि ऊपरी बर्थ की सीट पर ठीक से चेन न लगाए जाने के कारण सीट नीचे गिर गई। ट्रेन की सीट में कोई खराबी नहीं थी।
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मंत्रालय का दावा है कि दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन स्टेशन पर सीट की जांच की गई थी और वह ठीक पाई गई। रेल मंत्रालय ने बताया कि घायल यात्री की सूचना मिलते ही तेलंगाना के रामागुंडम स्टेशन पर ट्रेन रुकवाई गई थी। एंबुलेंस की व्यवस्था कर पैसेंजर को नजदीकी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था।