• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

सच से कोसों दूर भागता है मनुष्य, इस धोखे को हमेशा मानता है सच

Writer D by Writer D
03/11/2021
in Main Slider, ख़ास खबर, फैशन/शैली
0
14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

लाइफ़स्टाइल डेस्क। आचार्य चाणक्य की नीतियां और विचार भले ही आपको थोड़े कठोर लगे लेकिन ये कठोरता ही जीवन की सच्चाई है। हम लोग भागदौड़ भरी जिंदगी में इन विचारों को भरे ही नजरअंदाज कर दें लेकिन ये वचन जीवन की हर कसौटी पर आपकी मदद करेंगे। आचार्य चाणक्य के इन्हीं विचारों में से आज हम एक और विचार का विश्लेषण करेंगे। आज का ये विचार नसीहत पर आधारित है।

‘नसीहत वह सच्चाई है जिसे हम कभी ध्यान से नहीं सुनते और तारीफ वह धोखा है जिसे हम पूरे ध्यान से सुनते हैं।’ आचार्य चाणक्य

आचार्य चाणक्य के इस कथन का अर्थ है कि मनुष्य अपने जीवन में हमेशा एक चीज को ध्यान से सुनता और दूसरी चीज को इग्नोर करता है। मनुष्य जिस चीज को सबसे ज्यादा ध्यान से सुनता है वो एक धोखा है जिसे आप तारीफ कहते हैं। वहीं जिस चीज को ध्यान से नहीं सुनता है वो है नसीहत जो कि सच है।

असल जिंदगी में कई बार मनुष्य का इन दोनों चीजों से कई बार पाला पड़ता है। सबसे पहले बात करते है नसीहत की। नसीहत ऐसा सच है जिसे मनुष्य कभी भी ध्यान से नहीं सुनता है। फिर चाहे ये नसीहत कोई उसे अपना दें, कोई पराया। इसे सुनने में ज्यादातर लोगों का ध्यान नहीं होता। ऐसा इसलिए  क्योंकि ये कड़वा सच होता है। कड़वा सच सुनना इंसान की प्रवृत्ति के खिलाफ होता है। साथ ही इसे स्वीकार करना उससे बड़ा चैलेंज होता है।

अब बात करते हैं धोखा यानी कि तारीफ की। तारीख एक ऐसी चीज है जिसे मनुष्य सुनने के लिए आतुर रहता है। मनुष्य को इससे मतलब नहीं रहता है सामने वाला तारीफ झूठी कर रहा है या फिर सही में। उसे बस तारीफ से मतलब होता  है। ये कोई सच नहीं है बल्कि एक धोखा मात्र है। कई बार सामने वाला आपसे अपना काम निकलवाने के लिए आपकी तारीफ कर सकता है। कई बार आपको बेवकूफ बनाने के लिए तो कई बार सही में। ऐसे में आपका ये तय करना मुश्किल हो जाएगा कि सामने वाला जो तारीफ कर रहा है वो सच है या फिर धोखा। इसी वजह से आचार्य चाणक्य ने तारीफ की तुलना धोखे से की है।

Tags: chanakyachanakya nitichanakya niti in hindichanakya niti life lessonschanakya niti quoteschanakya quoteschanakya storiesJeevan Mantrashort note on chanakyaचाणक्य नीतिचाणक्य ने अनमोल विचार
Previous Post

घर या ऑफिस में इस दिशा में कभी न रखें डस्टबिन, पड़ेगा बुरा असर

Next Post

माइग्रेन मरीजों के लिए घातक है नमक का अधिक सेवन

Writer D

Writer D

Related Posts

खाना-खजाना

डाइट में शामिल करें प्रोटीन, ट्राई करें ये रेसिपी

31/10/2025
camphor oil
फैशन/शैली

बालों की इन समस्याओं में रामबाण है ये तेल, जानें बनाने का तरीका

31/10/2025
hairstyle
फैशन/शैली

ऑफिस के लिए बेस्ट हैं ये हेयर स्टाइल, मिनटों में हो जाएंगे तैयार

31/10/2025
फैशन/शैली

6 पैक्स एब्स बनाने के लिए इन बातों का रखें ध्यान

31/10/2025
UP Police will organize 'Run for Unity'.
Main Slider

लौह पुरुष की 150वीं जयंती पर यूपी पुलिस आयोजित करेगी ‘रन फॉर यूनिटी’

30/10/2025
Next Post

माइग्रेन मरीजों के लिए घातक है नमक का अधिक सेवन

यह भी पढ़ें

Dead Body

हीरा विभाग के हवलदार का अधजला शव बरामद, हत्या की आशंका

16/11/2020
अंधविश्वास की बलि Sacrifice of superstition

अंधविश्वास की बलि : मां ने देवी को खुश करने के लिए बेटे का कुल्हाड़ी से काटा गर्दन

22/10/2020
Twin Towers

Twin Towers ढहाने के लिए अंतिम निरीक्षण

27/08/2022
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version