Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

दोस्ती करते वक्त मनुष्य को हमेशा इस बात का रखना चाहिए ख्याल

लाइफ़स्टाइल डेस्क। आचार्य चाणक्य की नीतियां और विचार भले ही आपको थोड़े कठोर लगे लेकिन ये कठोरता ही जीवन की सच्चाई है। हम लोग भागदौड़ भरी जिंदगी में इन विचारों को भरे ही नजरअंदाज कर दें लेकिन ये वचन जीवन की हर कसौटी पर आपकी मदद करेंगे। आचार्य चाणक्य के इन्हीं विचारों में से आज हम एक और विचार का विश्लेषण करेंगे। आज का ये विचार दोस्ती पर आधारित है।

‘कभी भी उनसे मित्रता नहीं करें, जो आपसे कम या ज्यादा प्रतिष्ठावान हों। ऐसी मित्रता कभी आपको खुशी नहीं देगी।’ आचार्य चाणक्य

आचार्य चाणक्य का कहना है कोई भी कार्य हमेशा बराबरी वालों लोगों में ही किया जाता है। फिर चाहे वो दोस्ती ही क्यों ना हो। कई बार देखा गया है कि मनुष्य अपनी बराबरी वाले लोगों से दोस्ती नहीं करता। उदाहरण के तौर पर आपने किसी ऐसे व्यक्ति से दोस्ती कर ली जिसके पास पैसों की कोई कमी नहीं है। वहीं आपके पास सीमित पैसा है। ऐसे में एक समय ऐसा जरूर आएगा जब दोनों का एक दूसरे से टकराव होगा।

ऐसा इसलिए क्योंकि इन दोनों व्यक्तियों की सोच में बहुत अंतर होता है। अगर सोच में अंतर होगा तो वो कभी ना कभी आपकी दोस्ती के बीच में आएगी जरूर। मान लीजिए खाना खाने के लिए आपने अपनी क्षमता के अनुसार रेस्टोरेंट को चुना वहीं आपका दोस्त किसी महंगे रेस्टोंरेट को चुनेगा। इसी तरह पहनावा, रहन सहन में भी काफी अंतर होगा। ये अंतर इन दोनों की दोस्ती को कभी भी मजबूत नहीं होने देगा। कभी कभी ना कभी कोई ना कोई चीज दोनों के बीच मन मुटाव जरूर पैदा कर देगी।

हो सकता है कि दोनों दोस्ती की वजह से इस बात को एक दूसरे को बताए नहीं, लेकिन दोनों के मन में ये बात जरूर रहेगी। इसी वजह से आचार्य चाणक्य ने कहा है कि हमेशा उनसे दोस्ती करना चाहिए जो आपकी बराबरी के हों। अगर सामने वाला आपसे कम या ज्यादा प्रतिष्ठावान हुआ तो, ऐसी दोस्ती कभी खुशी नहीं देगी।

Exit mobile version