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PCS-J परीक्षा में 50 छात्रों के रिजल्ट में हेराफेरी, बदली गईं थी कॉपियां

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प्रयागराज। PCS-J मुख्य परीक्षा-2022 में 50 अभ्यर्थियों की कॉपियां बदली गईं थीं। एक अभ्यर्थी के हाईकोर्ट पहुंचने के बाद हुई जांच में खुलासा होने पर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) ने पांच अधिकारियों को दोषी करार देते हुए तीन को निलंबित कर दिया।

छात्र श्रवण पांडेय की याचिका पर सुनवाई कर रही इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति एस डी सिंह र न्यायमूर्ति अनीस कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने मामले को गंभीर माना और लोक सेवा आयोग के चेयरमैन को हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। अधिवक्ता विभु राय ने बताया कि आयोग के उप सचिव ने हलफनामे में स्वीकार किया है कि परीक्षा में इंटरमिक्सिंग हुई है। जांच में लगभग 50 अभ्यर्थियो के परिणाम में इंटरमिक्सिंग का पता चला है। अब इन कैंडिडेट्स के परिणाम फिर से जारी किए जाएंगे। याचिका की अगली सुनवाई 8 जुलाई को होनी है।

कॉपी बदले जाने के सनसनीखेज आरोपों पर हाईकोर्ट ने आयोग से जवाब-तलब किया था। इसके बाद कराई जांच में खुलासा हुआ कि एक नहीं, 25-25 कॉपियों के दो बंडल (कुल 50 कॉपियां) बदले गए हैं।

इस पर आयोग के अध्यक्ष संजय श्रीनेत के निर्देश पर अनुभाग अधिकारी शिवशंकर, समीक्षा अधिकारी नीलम शुक्ला और सहायक समीक्षा अधिकारी भगवती देवी को निलंबित कर दिया गया। पर्यवेक्षणीय अधिकारी उपसचिव मिश्र के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की गई। उन्हें आरोप पत्र जारी किया जाएगा। सेवानिवृत्त हो चुकीं सहायक समीक्षा अधिकारी चंद्रकला को भी दोषी पाया गया है।

सेवानिवृत्त कर्मचारी के खिलाफ आयोग सीधे कार्रवाई नहीं कर सकता। सो, नियम 351-ए के तहत उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन से अनुमति मांगी गई है। मंजूरी मिलने पर उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

आयोग इस गलती को मानवीय भूल भले ही बता रहा है, लेकिन यह घटना असामान्य है। इसका असर परिणाम पर भी पड़ सकता है। दरअसल, PCS-J की मुख्य परीक्षा की कॉपियों के मूल्यांकन से पहले 25-25 कॉपियों का बंडल तैयार किया गया था।

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कॉपियों के ऊपर कोडिंग की गई, ताकि मूल्यांकन के दौरान अभ्यर्थियों की पहचान छिपी रहे। मूल्यांकन के बाद रोल नंबर अंकित किए जाते हैं। कोडिंग की इसी प्रक्रिया में गलती हुई और सभी 50 कॉपियां एक-दूसरे से बदल गईं।

अंग्रेजी विषय की थीं बदली गईं सभी कॉपियां

आयोग के अनुसार गलत कोडिंग के कारण बदली गईं सभी कॉपियां अंग्रेजी विषय की थीं। अंग्रेजी का प्रश्नपत्र 100 अंकों का था। इसके बदले जाने से परीक्षा का परिणाम भी प्रभावित हो सकता है। फिलहाल, अभी इसकी जांच चल रही है। पीसीएस-जे परीक्षा-2022 के तहत 302 पदों पर अभ्यर्थियों को चयनित घोषित किया गया था, जिन्हें नियुक्ति भी मिल चुकी है। परिणाम प्रभावित होता है तो आयोग को कुछ नए अभ्यर्थियों के इंटरव्यू अलग से कराने पड़ सकते हैं।

रेंडम जांच भी होती तो नहीं बदलतीं कॉपियां

अगर पर्यवेक्षणीय अधिकारी हर बंडल से सिर्फ एक-एक कॉपी की रेंडम जांच कर लेते तो पता चल जाता कि कोडिंग गलत हो गई है। लेकिन, कोडिंग के बाद किसी भी स्तर पर इसकी जांच नहीं की गई और कॉपियां मूल्यांकन के लिए भेज दी गईं। इसी का नतीजा है कि अभ्यर्थियों की कॉपियां आपस में बदल गईं।

3 अगस्त तक आयोग को देना होगा जवाब

PCS-J परीक्षा का परिणाम सामने आने के बाद चुने गए सभी अभ्यर्थी चयनित पदों पर ज्वाइन कर चुके हैं। ऐसे में कोर्ट ने आयोग से पूछा है कि कितने अभ्यर्थियों का परिणाम सही नहीं है, यदि फिर से इनके परिणाम तैयार होंगे तो कितने लोग बाहर होंगे। चयन से बाहर जाने व अंदर आने वालों के लिए क्या प्रक्रिया अपनाई जाएगी। कोर्ट ने आयोग को कार्यवाही पूरी करने के लिए 3 अगस्त तक का टाइम दिया है। इससे पहले कोर्ट ने लोक सेवा आयोग को अभ्यर्थियों की उत्तर पुस्तिकाएं कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करने का आदेश दिया था। याची श्रवण पांडेय अभ्यर्थी ने आरोप लगाया है कि उसकी अंग्रेजी विषय की उत्तर पुस्तिका में हैंडराइटिंग बदली हुई है तथा एक अन्य उत्तर पुस्तिका के कुछ पन्ने फाड़े गए हैं, जिसकी वजह से वह मुख्य परीक्षा में सफल नहीं हो पाया।

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