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मणिपुर में नहीं बुझ रही हिंसा की आग, अबतक पांच पुलिसकर्मी समेत 70 से ज्यादा की मौत

Manipur Violence

Manipur Violence

इंफाल। मणिपुर में दो समुदायों के बीच हिंसा (Manipur Violence) थमने का नाम नहीं ले रही है। कूकी और मैतेई आमने-सामने हैं और हिंसा में अब तक 70 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। हिंसा प्रभावित इलाकों में भारी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती कर दी गई है। रविवार को भी स्थिति ठीक नहीं रही विद्रोहियों और जवानों के बीच में तनाव नजर आया। अब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) आज खुद मणिपुर पहुंचेंगे।

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने दौरे के बारे में बताते हुए कहा कि गृह मंत्री तीन दिन तक रुकेंगे और जातीय संकट को खत्म करने के लिए अलग-अलग पक्षों से मुलाकात करेंगे और उनकी बातों को सुनेंगे। राय मणिपुर में ही डेरा डाले हुए हैं। उन्होंने कहा कि अशांति की वजह से विकास प्रभावित हुआ है, जबकि राज्य में पिछले 9 साल में शांति थी। बता दें कि हिंसा (Manipur Violence) में अब तक 70 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इसमें पांच पुलिसकर्मी भी शामिल हैं।

उन्होंने आश्वासन दिया कि सभी समस्याओं और मुद्दों का हल शांतिपूर्ण तरीके से किया जाएगा और लोगों को सरकार में विश्वास रखना चाहिए और सभी प्रकार की हिंसा से दूर रहना चाहिए। गुरुवार को शाह ने भी मणिपुर के लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की थी और आश्वासन दिया था कि समाज के सभी वर्गों के लिए न्याय सुनिश्चित किया जाएगा।

गुरुवार को असम पहुंचे शाह ने भी कहा था कि वह विवादों को सुलझाने के लिए मणिपुर का दौरा करेंगे। पीटीआई की रिपोर्ट के मुातबिक, शाह ने कहा था कि वो जल्द ही मणिपुर जाएंगे और तीन दिन तक रहेंगे। उन्होंने दोनों गुटों से आपस में अविश्वास और संदेह के दूर करने की अपील करते हुए शांति बहाली पर जोर दिया था।

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मणिपुर में मैतई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा देने की मांग के विरोध में 3 मई को पहाड़ी जिलों में आदिवासी एकजुटता मार्च निकाला गया गया था। इसके बाद ही मणिपुर में हिंसा (Manipur Violence) भड़क उठी। मणिपुर में मैतेई समुदाय बहुसंख्यक है। दूसरी ओर हाई कोर्ट ने भी मणिपुर सरकार को उनकी मांगों पर विचार करने निर्देश देते हुए चार महीने के भीतर केंद्र को प्रपोजल भेजने का आदेश दिया है।

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