गोरखपुर में कानपुर व्यवसायी मनीष गुप्ता की कथित पुलिस पिटाई के मौत के 20 घंटे बाद आज गुरुवार सुबह अंतिम संस्कार हुआ। मृतक के चाचा बृजकिशोर गुप्ता ने मनीष को मुखाग्नि दी। इससे पहले, बुधरात देर रात कानपुर के पुलिस कमिश्नर असीम अरुण समेत कई आला अधिकारी मनीष के घर पहुंचे और उनकी पत्नी मीनाक्षी से बात की। इस दौरान असीम अरुण ने कहा कि गुरुवार को परिवार की सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कराई जाएगी, जिसके बाद पीड़ित परिजनों मनीष के अंतिम संस्कार के लिए राजी हो गए।
पीड़ित परिवार का कहना है कि यह हत्या है, जिसे छह पुलिसकर्मियों ने मिलकर अंजाम दिया। पीड़िता परिवार का कहना है कि मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। मृतक की पत्नी का आरोप है कि डीएम और एसएसपी पर भरोसा नहीं है। उनपर भी कार्रवाई होनी चाहिए। साथ ही पूरे मामले की जांच सीबीआई से करवाई जाए।
मनीष गुप्ता की पत्नी मिनाक्षी गुप्ता ने बताया कि आज मुख्यमंत्री जी मिलने आ रहे हैं। हम उनसे की गुहार लगाएंगे। साथ ही पूरे मामले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग भी करेंगे। उन्होंने कहा कि पुलिस इस मामले की निष्पक्ष जांच करेगी इसका भरोसा नहीं हैं। उन्होंने डीएम और एसएसपी पर भी गंभीर आरोप लगाए और उनपर भी एक्शन की मांग की।
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वायरल वीडियो पर मिनाक्षी ने कहा कि वे मुकदमा दर्ज करवाने की तहरीर लेकर पहुंची थीं। उन्होंने कहा कि डीएम एसएसपी ने उनसे बताया कि सभी पुलिसकर्मी ऑन ड्यूटी थे। ऐसे में उनपर हत्या का मुकदमा दर्ज नहीं किया जा सकता। इसके बाद जब मैं धरने पर बैठी तो उन्होंने दो के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की बात कही। जबकि मुझे तीन लोगों का नाम पता था। और तीन अज्ञात के खिलाफ तहरीर दी थी। मिनाक्षी ने कहा कि उनकी मांग है कि सभी पुलिसकर्मियों को नौकरी से बर्खास्त किया जाए।
डीएम-एसएसपी का वीडियो हुआ वायरल
गौरतलब है कि इस मामले में बुधवार को एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें डीएम और एसएसपी पीड़ित परिवार पर आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस न दर्ज करवाने का दबाव डालते दिख रहे थे। हालांकि बाद में रिकॉर्डिंग होता देख उनकी भाषा बदल गई। इस मामले में तीन पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है।