• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का भारतीय जीडीपी में 15 फीसदी योगदान, बढ़ेंगे रोजगार के अवसर

Desk by Desk
06/08/2020
in ख़ास खबर, मनोरंजन
0
14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

नई दिल्ली। आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने (विनिर्माण केंद्र) बनाने की तैयारी जोरों पर है। इसके लिए उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) चीन की तरह भारत को मैन्युफैक्चिरंग हब बनाने के लिए उद्योग जगत के साथ मिलकर ब्लू प्रिंट कर रहा तैयार है।  सूत्रों के अनुसार, डीपीआईआईटी की ओर से गठिति समिति और उद्योग जगत चीन पर निर्भरता खत्म करने के लिए मेक इन इंडिया के तहत भारत में मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने का खाका तैयार कर रहे हैं।  डीपीआईआईटी ने पहले से चयनित 12 सेक्टर्स के अलावा आठ और सेक्टर्स का जोड़ा है, जिसपर काम किया जाएगा।

टिकटॉक में डोनाल्ड ट्रंप की मांग है अप्रत्याशित और अभूतपूर्व

डीपीआईआईटी की तैयारी इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटो कंपोनेंट्स, फर्नीचर, कृषि-रसायन, वस्त्र (जैसे मानव निर्मित सूत), एयर कंडीशनर, पूंजीगत सामान, दवा, जूते-चप्पल समेत एक दर्जन से अधिक चिन्हित क्षेत्रों के लिए मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने का खाका जल्द से जल्द तैयार करना है। एक सरकार अधिकारी के अनुसार, हम राज्य सरकारों, केंद्र के विभागों और उद्योग जगत के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। हम यह जानकारी जुटा रहे हैं कि किस-किस सेक्टर में हम जल्द से जल्द आत्मनिर्भर बन सकते हैं। उसके राह में क्या-क्या बाधा है उससे दूर करने की कोशिश कर रहे हैं। हमारा उद्येश्य देश में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देना और आयात पर निर्भरता को कम करना है।

डीपीआईआईटी की ओर से गठित समिति के चेयनपर्सन महिंद्र और महिंद्रा के एमडी पवन गोयनका बन सकते हैं। इस समिति में जेएसडब्ल्यू स्टील के ज्वाइंट एमडी शेषगिरि राव, फिक्की, सीआईआई और एसोचैम आदि के प्रमुखों को शामिल किया गया है। वहीं, सरकार की ओर से डीपीआईआईटी के संयुक्त सचिव, मनमीत नंदा प्रतिनिधत्व करेंगे।

विशेषज्ञों का कहना है कि मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने से भारत के धीमे पड़ते निर्यात को तेज करने तथा रोजगार के अधिक अवसर सृजित करने में मदद मिल सकती है। उल्लेखनीय है कि भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का करीब 15 प्रतिशत योगदान है। भारत सरकार मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की जीडीपी में हिस्सेदारी को बढ़ाने पर ध्यान दे रही है। इसके साथ ही भारत की नजर चीन से निकल रही कंपनियों को आकर्षित कर ग्लोबल सप्लाई चेन पर कब्जा करने की है।

देश के छह राज्य अपने यहां मोबाइल निर्माण को बढ़ावा देने की दौड़ में हैं। केंद्र सरकार की ओर से इलेक्ट्रॉनिकी विनिर्माण के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) लाने के बाद उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु और महाराष्ट्र की सरकारे 10 मोबाइल फोन निर्माता कंपनियों को अपने राज्य में कई तरह छूट और रियायत देकर मैन्युफैक्चरिंग प्लान लगाने का प्रस्ताव भेजी हैं। केंद्र सरकार की प्रोडक्ट लिंक्ड स्कीम के अलावा ये राज्य मोबाइल बनाने वाली कंपनियों को ज्यादा से ज्यादा इन्सेंटिव देने को तैयार हैं। सबसे ज्यादा दिलचस्पी पेगाट्रोन को बुलाने में दिखाई जा रही है। यह कंपनी ऐपल की दूसरी बड़ी कॉन्ट्रेक्टर मैन्यूपैक्चरर है। भारत में इसे अपना प्लांट लगाना है।

रिलायंस इंडस्ट्री फ्यूचरब्रॉन्ड सूचकांक 2020 में दुनिया का दूसरा सबसे ब्रॉन्ड

मोबाइल कंपनियों को आकर्षित करने में अब तक सबसे आगे उत्तर प्रदेश सरकार है। यूपी के ग्रेटर नोएडा में कई कंपनियों ने पहले से ही अपना प्लांट लगा रहा है। अब उत्तर प्रदेश सरकार ने पेगाट्रोन और एप्पल  दोनों को चिट्ठी लिखी और कहा है कि पीएलआई में मिल रहे इन्सेंटिव के अलावा भी वह लगाई गई पूंजी पर 20 फीसदी इन्सेंटिव देगी। साथ ही जमीन पर 25 फीसदी सब्सिडी देगी। यूपी सैमसंग को इस स्कीम के तहत प्लांट लगाने का न्योता दे रही है। यूपी सरकार का कहना है कि उसे उम्मीद है कि सैमसंग विस्तार उद्योग और आंतरिक व्यापार को बढ़ावा देने और पारदर्शिता लाने के लिए डीपीआईआईटी ने एक एजेंसी का चयन करने का फैसला किया है। यह एजेंसी सार्वजनिक खरीद नियमों के अनुपालन में  परामर्श एजेंसी में भूमिका निभाएगा, जिसका उद्देश्य ‘मेड इन इंडिया’ उत्पादों को बढ़ावा देना होगा। एजेंसी चयन के लिए अनुरोध पत्र जारी किए गए हैं। गौरतलब है कि सरकार ने भारतीय वस्तुओं व सेवाओं को बढ़ावा देने और देश में रोजगार को बढ़ाने के लिए 15 जून, 2017 को सार्वजनिक खरीद आदेश, 2017 जारी किया था।

Tags: agro-chemicalsair conditionersauto componentscapital goodsChinaelectronicsFurniturepreparation of DPIITSelf reliant India campaigntextilesआत्मनिर्भर भारत अभियानइलेक्ट्रॉनिक्सएयर कंडीशनरऑटो कंपोनेंट्सकृषि रसायनचीनडीपीआईआईटी की तैयारीपूंजीगत सामानफर्नीचरवस्त्र
Previous Post

टिकटॉक में डोनाल्ड ट्रंप की मांग है अप्रत्याशित और अभूतपूर्व

Next Post

बायजू ने 2240 करोड़ रुपये में व्हाइटहैट जूनियर का किया अधिग्रहण

Desk

Desk

Related Posts

Malti Chahr-Amal Malik
Main Slider

मेरे पापा को भी पता है…अमाल मलिक संग झगड़े में मालती चहर ने फोड़ा बम

03/11/2025
dharmendra
Main Slider

धर्मेंद्र की अचानक बिगड़ी तबीयत, ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती

31/10/2025
Mamta Kulkarni-Dawood Ibrahim
मनोरंजन

ममता कुलकर्णी ने दाऊद इब्राहिम को लेकर कह दी ये बड़ी बात, मचा गया बवाल

30/10/2025
Diljit Dosanjh-Amitabh
मनोरंजन

दिलजीत दोसांझ को खालिस्तानी संगठन ने दी धमकी, अमिताभ बच्चन से जुड़े हैं तार

29/10/2025
Satish Shah
Main Slider

बॉलीवुड इंडस्ट्री में फिर शोक की लहर, मशहूर एक्टर ने दुनिया को कहा अलविदा

25/10/2025
Next Post
बायजू

बायजू ने 2240 करोड़ रुपये में व्हाइटहैट जूनियर का किया अधिग्रहण

यह भी पढ़ें

CM Yogi

जनता दर्शन में योगी बोले, जनसमस्याओं का निस्तारण हमारी सर्वाेच्च प्राथमिकता

27/08/2023
locker

इस फूल को रखें घर की तिजोरी में, धन की होगी बरसात

13/06/2025
Terrorist Attack

ड्रोन अटैक को आखिरी न समझें ISIS-K, काबुल गुनाहगारों को छोड़ेंगे नहीं : बाइडेन

29/08/2021
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version