राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसानों के आंदोलन से अलग हो गया है। किसान नेता वीएम सिंह ने बुधवार को इसका ऐलान किया। उन्होंने भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत पर कई आरोप लगाए हैं। वीएम सिंह ने कहा कि इस रूप से आंदोलन नहीं चलेगा। हम यहां पर शहीद कराने या लोगों को पिटवाने नहीं आए हैं।
वीएम सिंह ने कहा कि राकेश टिकैत सरकार के साथ मीटिंग में गए। उन्होंने यूपी के गन्ना किसानों की बात एक बार भी उठाई। उन्होंने धान की बात की क्या। उन्होंने किस चीज की बात की। हम केवल यहां से समर्थन देते रहें और वहां पर कोई नेता बनता रहे, ये हमारा काम नहीं है। उन्होंने कहा की जिन लोगों ने हिंसा को भड़काया उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही होनी चाहिए।
This is the decision of Rashtriya Kisan Mazdoor Sangathan & not of AIKSCC (All India Kisan Sangharsh Coordination Committee). This is the decision of VM Singh, Rashtriya Kisan Mazdoor Sangathan & all office bearers: VM Singh, National Convener of Rashtriya Kisan Mazdoor Sangathan pic.twitter.com/dTtW45ZMXL
— ANI (@ANI) January 27, 2021
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वीएम सिंह ने कहा की हिन्दुस्तान के झंडे की गरिमा और मर्यादा कायम रखने की जिम्मेदारी सबकी है। इसे भंग करना गलत है। जिन्होंने ऐसा किया है, उन सभी के खिलाफ पुलिस को सख्त कार्यवाही करनी चाहिए।
Correction: I can’t carry forward protest with someone whose direction is different. I wish them best but VM Singh & Rashtriya Kisan Mazdoor Sangathan* are withdrawing from the protest: VM Singh, Rashtriya Kisan Mazdoor Sangathan & All India Kisan Sangharsh Coordination Committee pic.twitter.com/kXC70UvRWZ
— ANI (@ANI) January 27, 2021
उन्होंने कहा की कोई आंदोलन इस तरह नहीं चल सकता है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में जो हंगामा और हिंसा हुई, उसकी जिम्मेदारी भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत को लेनी चाहिए।
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वहीँ भारतीय किसान यूनियन (भानु) के अध्यक्ष ठाकुर भानु प्रताप सिंह ने भी इस आंदोलन से नाम वापिस ले लिया है। उन्होंने कहा मैं कल की घटना से इतना दुखी हूं कि इस समय मैं चिल्ला बॉर्डर से घोषणा करता हूं कि पिछले 58 दिनों से भारतीय किसान यूनियन (भानु) का जो धरना चल रहा था उसे खत्म करता हूं।