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राजीव शर्मा के संपर्क में रहने वाले कई और पत्रकार स्पेशल सेल की रडार पर

Journalist Rajiv Sharma

पत्रकार राजीव शर्मा

नई दिल्ली। चीन के लिए जासूसी कर रहे पत्रकार राजीव शर्मा से पूछताछ के बाद स्पेशल सेल के रडार पर राजधानी के कई और स्वतंत्र पत्रकार भी आ गए हैं। सूत्रों के मुताबिक कुछ संदिग्ध पत्रकारों से पूछताछ भी की जा चुकी है। स्पेशल सेल से जुड़े सूत्रों के मुताबिक रक्षा मंत्रलय व सीमा पर चल रही गतिविधियों से जुड़ी सूचनाएं हासिल करने के लिए चीनी जासूसों ने राजीव के माध्यम से राजधानी के कई और स्वतंत्र पत्रकारों से भी संपर्क किया है। इनके बारे में सेल की टीम जानकारी जुटा रही है, सुबूत मिलते ही उन्हें भी गिरफ्तार किया जाएगा।

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आइबी का यह बड़ा ऑपरेशन माना जा रहा है। आइबी की सूचना पर स्पेशल सेल कई महीने से राजीव और उसके संपर्क में आने वाले लोगों पर नजर रख रही थी। पीआइबी कार्डधारक होने की वजह से वह मंत्रलय में आसानी से आता-जाता था और सूचनाएं जुटाकर तीन अलग-अलग ई-मेलआइडी, वाट्स एप व टेलीग्राम के माध्यम से अंग्रेजी में लिखकर चीन भेजता था।

राजीव दलाई लामा और भारतीय सेना की सीमा पर गतिविधियों के बारे में भी जानकारी मुहैया कराता था। चीनी जासूस जॉर्ज ने उससे दलाई लामा से संबंधित भारत सरकार की हर छोटी-बड़ी जानकारी देने के लिए कहा था। राजीव नेपाल के काठमांडू से होते हुए चीन भी गया था, जहां उसकी जॉर्ज से मुलाकात हुई थी।

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पूछताछ में पता चला है कि चीनी दंपती चांग लिया ली (ऊषा) और थैंक जैक (सूरज) कई साल पहले भारत आए थे। इन दोनों ने ऊषा और सूरज ने महिपालपुर में एमजेड फार्मेसी के नाम से दवा कंपनी का पंजीकरण कराया था। गिरफ्तार की गई किंग शी इस दंपती की रिश्तेदार है, जो 2015 में स्टूडेंट वीजा पर दिल्ली आई थी।

इसके बाद उसने 2016 में जामिया मिल्लिया इस्लामिया में नर्सिग कोर्स में दाखिला लिया था। सूरज व ऊषा पिछले साल चीन लौट गए। इस पर उन्होंने अपनी दवा कंपनी का निदेशक किंग शी और अपने कार चालक शेर सिंह को बना दिया था। इसके बाद शी ने स्टूडेंट वीजा को बिजनेस वीजा में तब्दील करा लिया। ये दोनों इसी दवा कंपनी के नाम से भारत से दवाइयां चीन भेजते थे और इसके बदले चीन से हवाला के जरिये मोटी रकम मंगवा लेते थे।

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