Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

गोवंशों की देखभाल में लापरवाही के मामले में सीएम योगी का बड़ा फैसला

Cows

Cow Shelters

लखनऊ/मेरठ। मेरठ की कान्हा उपवन गोशाला में गोवंशों (Cows) की देखभाल में सामने आई गंभीर लापरवाही पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने सख्त रुख अपनाते हुए नगर विकास विभाग को तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री के निर्देश पर नगर निगम ने गोशाला संचालन से जुड़ी दो आउटसोर्सिंग फर्मों- जैन कंप्यूटर्स और शिवम इंटरप्राइजेज के खिलाफ पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई है। इन फर्मों को गोशाला में 2500 गोवंशों (Cows) की देखभाल के लिए गोपालकों और कर्मचारियों की तैनाती की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।

12 जुलाई 2025 को सोशल मीडिया पर कान्हा गोशाला की बदहाल स्थिति को दर्शाने वाला एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें दयनीय परिस्थितियों में गोवंशों (Cows) को दिखाया गया। इस वीडियो के बाद सहायक नगर आयुक्त शरद पाल के नेतृत्व में गोशाला का गहन निरीक्षण किया गया। जांच में पाया गया कि गोशाला में भूसा, हरा चारा और पानी उपलब्ध होने के बावजूद गोवंशों को समय पर नहीं दिया जा रहा था। इसके अलावा, कई गोपालक और कर्मचारी ड्यूटी पर अनुपस्थित पाए गए। मेसर्स जैन कंप्यूटर्स ने 24 गोपालकों और शिवम इंटरप्राइजेज ने 18 गोपालकों की तैनाती का दावा किया था, लेकिन वास्तविक स्थिति इसके विपरीत थी।

नगर निगम ने बताया कि दोनों फर्मों को पहले भी गोवंशों (Cows) की देखभाल में लापरवाही के लिए मौखिक और लिखित नोटिस जारी किए गए थे। इसके बावजूद, कोई सुधार नहीं हुआ, जिसके चलते कड़ा कदम उठाना पड़ा। जांच में यह भी सामने आया कि गोशाला में अभिलेखों का रख-रखाव अपूर्ण था, जिसके लिए लिपिक विकास शर्मा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।

लापरवाही के इस मामले में हरपाल सिंह, पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी, और गोशाला के केयरटेकर के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई है एवं उन्हें निलंबित भी कर दिया गया हैं। सहायक नगर आयुक्त शरद पाल से गोशाला का वरिष्ठ प्रभार छीन लिया गया है और उनकी जगह अपर नगर आयुक्त पंकज कुमार सिंह को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके साथ ही नगर निगम स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. गजेंद्र को सीएमओ कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया और उनकी जगह डॉ. अमर सिंह को नई तैनाती दी गई है।

नगर निगम ने गोशाला की स्थिति में सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। गोशाला की निगरानी के लिए 12 सीसीटीवी कैमरे स्थापित किए गए हैं ताकि हर गतिविधि पर नजर रखी जा सके। जिन शेडों में फर्श की कमी थी, वहां फर्श निर्माण का कार्य शुरू कर दिया गया है। कर्मचारियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए फेस रिकग्निशन सिस्टम लागू किया गया है। इसके अतिरिक्त, चारा की उप्लब्ध्ता , गोबर उठान और अन्य कार्यों के लिए अभिलेखीकरण करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं।

गोवंशों की बेहतर देखभाल के लिए छह होमगार्ड और 50 नए कर्मचारियों को दो शिफ्टों में (25-25) तैनात किया गया है। चोटिल, बीमार या दुर्घटनाग्रस्त गोवंशों के लिए गोशाला में बने ट्रॉमा सेंटर में तत्काल उपचार सुनिश्चित करने के आदेश दिए गए हैं। गोशाला के विस्तार के लिए 15,000 वर्ग मीटर भूमि का चयन किया गया है, ताकि गोवंशों के लिए पर्याप्त जगह उपलब्ध हो सके।

प्रदेश सरकार ने स्पष्ट किया है कि प्रदेश में कान्हा गोशाला के रखरखाव में कमी एवं लापरवाही बिलकुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी। नगर निगम ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई कर गोवंशों की देखभाल में सुधार के लिए ठोस कदम उठाए हैं। सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि गोशाला में व्यवस्थाएं दुरुस्त की जाएं और भविष्य में ऐसी लापरवाही न हो। इस कार्रवाई की विस्तृत रिपोर्ट शासन को भेजी गई है।

कान्हा गोशाला में गोवंशों की देखभाल में लापरवाही के खिलाफ उठाए गए इन कदमों से यह स्पष्ट है कि उत्तर प्रदेश सरकार गोवंशों के कल्याण के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है। नगर निगम की त्वरित कार्रवाई और सुधारात्मक उपायों से गोशाला में व्यवस्थाएं बेहतर होने की उम्मीद है, जिससे गोवंशों को उचित देखभाल और सम्मान मिल सके।

Exit mobile version