Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

ठंड में सताने लगते हैं कई तरह के दर्द, जानें क्या है बचने के उपाय

सर्दियों का मौसम दस्तक दे चुका है। यूं तो इसे अच्छे खान-पान के जरिए सेहत बनाने वाला मौसम कहा जाता है, लेकिन कुछ लोगों, खासतौर पर बुजुर्गों के लिए यह कई तरह का दर्द लेकर आता है। ये वे दर्द होते हैं तो हर बदलते मौसम में अपना अहसास कराते हैं। इनमें सबसे बड़ा होता है गठिया का दर्द।

यूनिवर्सिटी ऑफ मैनचेस्टर ने अपने ताजा अध्ययन में पाया है कि बादल मंडराने, तेज हवाएं चलने या तापमान में गिरावट होने से शरीर में दर्द महसूस होता है या पुराना दर्द उभरकर आता है। खासतौर पर हड्डियों और जोड़ों का दर्द परेशान करता है।

ठंड में क्यों बढ़ जाता है दर्द-

तापमान में गिरावट के साथ शरीर में हड्डि्यों के जोड़ सख्त हो जाते हैं। जिससे शरीर के सभी अंगों में खून ठीक से नहीं पहुंच पाता है। यही स्थिति हड्डियों और जोड़ों में दर्द तथा कठोरता का कारण बनता है।

आर्थोपेडिक समस्याओं से पीड़ित लोगों के लिए यह ज्यादा मुश्किल वाला समय रहता है। जो लोग सर्दी के मौसम में शारीरिक श्रम कम करते हैं, उन्हें परेशानी होती है। खराब मौसम लोगों के मूड को प्रभावित कर सकता है। यदि कोई उदास या डिप्रेशन में है तो उसे दर्द ज्यादा महसूस होगा।

डॉक्टर को कब दिखाएं?

यदि मरीज को जोड़ों के दर्द के साथ कोई असामान्य या नए लक्षण अनुभव होते हैं – जैसे लगातार सूजन, चेहरा लाल होना, हड्डियों के जोड़ों पर दबाव डालने में कठिनाई, तो बिना देर किए डॉक्टरों को दिखाना चाहिए। यदि लगातार या गंभीर दर्द है जो असहनीय हो जाता है, तो घरेलू इलाज छोड़कर डॉक्टर की सलाह लेना चाहिए।

ठंड में जोड़ों के दर्द का इलाज

शुरुआती इलाज दवाओं से किया जाता है, लेकिन गठिया में स्थिति गंभीर होने पर सर्जरी की नौबत भी आ सकती है। आमतौर पर डॉक्टर दर्द कम करने वाली दवाएं देते हैं। इसके अलावा सूजन कम करने, रोगों से लड़ने की ताकत बढ़ाने वाली दवाएं दी जाती हैं। कई तरह के जेल और क्रीम उपलब्ध हैं, जिनकी मॉलिश से आराम मिलता है। सरल व्यायाम करने से मांसपेशियां मजबूत होंगी और हाथ-पैरों को आसानी से हिलाने में मदद मिलेगी।

डॉ. पल्लवी धवन के अनुसार, सर्दी के मौसम में हवा, ठंड और शुष्कता के कारण वात दोष बढ़ जाते हैं। इसके कारण होने वाले जोड़ों और हड्डियों के दर्द का सस्ता सुंदर इलाज है तेल मॉलिश। खासतौर पर आयुर्वेद में कई तरह के तेल उपलब्ध हैं जो इस स्थिति में बहुत फायदा पहुंचाते हैं। जैसे – धन्वंतराम आयुर्वेदिक तेल, कोट्टम चुक्कड़ी तेल, पेंदा थाईलाम और वालिया नारायण तेल।

जोड़ों के दर्द से पीड़ित लोगों को एक संतुलित आहार की आवश्यकता होती है। विटामिन डी, सी और के युक्त खाद्य पदार्थ सेहत के लिए अच्छे हैं। आहार में संतरे, पत्तागोभी, पालक, टमाटर को शामिल करें क्योंकि वे सुपर फूड हैं और घुटने के दर्द से राहत दिलाते हैं। जिन लोगों में विटामिन डी का स्तर बहुत कम है, वे डॉक्टर को दिखाने के बाद दवाएं ले सकते हैं।

खुद को अच्छी तरह से हाइड्रेटेड रखें यानी थोड़ी-थोड़ी देर में पानी या तरल पदार्थ लेते रहें। सर्दियों में पानी कम पिया जाता है, जो नुकसानदायक हो सकता है, क्योंकि जोड़ों वाले स्थान का चिकना होना जरूरी है। यदि हड्डियां आपस में टकराएंगी तो दर्द होगा। इसलिए शरीर को हाइड्रेटेड रखने की आवश्यकता है। सर्दियों में घुटनों की सुरक्षा के लिए और दर्द को कम करने के लिए, घुटने के गार्ड पहनना मददगार हो सकता है। बाजार में घुटने की सुरक्षा करने वाले कई प्रकार के साधन हैं जो घुटने के दर्द में आराम प्रदान करते हैं।

Exit mobile version