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बैराज से छोड़ा गया पानी से कई गांव खतरे में, नदी का जलस्तर बढ़ा

पूरे जिले में रिमझिम बारिश होने से मौसम सुहावना हो गया। गर्मी से परेशान लोगों को निजात मिली। वहीं, मिहींपुरवा के तीन बैराजों से 3.48 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है जिससे महसी में नदी का जलस्तर बढ़ गया है। नौ गांव पानी से घिर गए हैं। उपजिलाधिकारी ने बाढ़ चौकियों को अलर्ट कर दिया है। साथ ही दवा छिड़काव और वितरण के लिए स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखा है।

जिले में बीते हफ्ते से बारिश नहीं हो रही थी। इससे लोग चिपचिपाती गर्मी से काफी परेशान थे। बुधवार से ही आसमान में बादल उमड़-घुमड़ रहे थेे, लेकिन बूंदाबांदी के बाद मौसम साफ हो जा रहा था। इससे लोग काफी परेशान थे। वहीं गुरुवार तड़के से ही बूंदाबांदी शुरू हुई। इसके बाद रिमझिम बारिश शुरू हो गई। पूरे जिले में बारिश हुई। रिमझिम बारिश होने से तराई पूरी तरह से तर हो गई।

पारा नीचे आ गया। गर्मी से परेशान लोगों को सुहावना मौसम का दीदार हुआ। मौसम वैज्ञानिक एमपी सिंह ने बताया कि 63 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड हुई है। उधर, लगातार हुई बारिश से महसी में नदी का जलस्तर बढ़ गया है। नदी का जलस्तर बढ़ने से नौ मजरे पानी से घिर गए हैं। तहसील के मांझा दरिया बुर्द, चमरही, नौवापुरवा, पाठकपुरवा, छत्तरपुरवा, जोगलापुरवा, रानीबाग, अहिरनपुरवा, नगेसरपुरवा, लोनियनपुरवा व पचदेवरी के कुछ घरों में पानी भर गया है।

उपजिलाधिकारी एसएन त्रिपाठी ने बताया कि जलस्तर बढ़ा है। इसको देखते हुए बाढ़ चौकियों को अलर्ट कर दिया गया है। साथ ही स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखकर दवा वितरण व दवा छिड़काव कराने के निर्देश दिए गए हैं। उपजिलाधिकारी ने बताया कि मिहींपुरवा स्थित गिरिजापुरी बैराज, बनबसा बैराज और गोपिया बैराज से 3.48 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है जिससे नदी का जलस्तर एकाएक बढ़ गया है।

वर्तमान जलस्तर- 112.730 मीटर

खतरे का निशान- 113.50 मीटर

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