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कब है मार्गशीर्ष अमावस्या, जानें पूजा-विधि एवं शुभ मुहूर्त

Paush Amavasya

Amavasya

हिंदू धर्म में अमावस्या का बहुत अधिक महत्व होता है। हर माह में एक बार अमावस्या तिथि पड़ती है। अमावस्या तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है। इस दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा की जाती है। इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण भी किया जाता है। अमावस्या तिथि पर पवित्र नदियों में स्नान का विशेष महत्व होता है। नदी में स्नान के बाद सूर्य को अर्घ्य देकर पितरों का तर्पण किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अमावस्या के दिन महिलाएं पति की लंबी आयु की कामना के लिए व्रत रखती हैं। इस दिन दान करने का भी विशेष महत्व होता है।इस समय मार्गशीर्ष माह चल रहा है। आइए जानते हैं मार्गशीर्ष अमावस्या (Margashirsha Amavasya) की डेट, पूजा-विधि, शुभ मुहुर्त…

मार्गशीर्ष अमावस्या (Margashirsha Amavasya) की डेट– दिसम्बर 1, 2024, रविवार

मुहूर्त-

मार्गशीर्ष, कृष्ण अमावस्या प्रारम्भ – 10:29 ए एम, नवम्बर 30

मार्गशीर्ष, कृष्ण अमावस्या समाप्त – 11:50 ए एम, दिसम्बर 01

पूजा-विधि:

– सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। इस दिन पवित्र नदी या सरवोर में स्नान करने का महत्व बहुत अधिक होता है। आप घर में ही नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर भी स्नान कर सकते हैं।
– स्नान करनेके बाद घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
– सूर्यदेव को अर्घ्य दें।
– अगर आप उपवास रख सकते हैं तो इस दिन उपवास भी रखें।
– इस दिन पितर संबंधित कार्य करने चाहिए।
– पितरों के निमित्त तर्पण और दान करें।
– इस पावन दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें।
– इस पावन दिन भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व होता है।
– इस दिन विधि विधान से भगवान शंकर की पूजा- अर्चना भी करें।

शुभ मुहूर्त-

– ब्रह्म मुहूर्त 05:08 ए एम से 06:02 ए एम
– प्रातः सन्ध्या 05:35 ए एम से 06:57 ए एम
– अभिजित मुहूर्त 11:49 ए एम से 12:31 पी एम
– विजय मुहूर्त 01:55 पी एम से 02:37 पी एम
– गोधूलि मुहूर्त 05:21 पी एम से 05:48 पी एम
– सायाह्न सन्ध्या 05:24 पी एम से 06:45 पी एम
– अमृत काल 06:27 ए एम, दिसम्बर 02 से 08:09 ए एम, दिसम्बर 02
– निशिता मुहूर्त 11:43 पी एम से 12:38 ए एम, दिसम्बर 0

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