नई दिल्ली: शिक्षा एक वो माध्यम माना जाता है जो बच्चों को जीवन में कामयाब बनाता है। लेकिन आज के दौर में बच्चों पर शिक्षा का और परीक्षा का दबाव बनते हुए दिख रहा है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते दिन शिक्षा और परीक्षा को लेकर कहा कि, शिक्षा केवल स्कूल के अंदर सीमीत रहें ये जरूरी नहीं। उनका कहना है कि बच्चों को सिखाना और पढ़ाना चाहिए कि उनके आस-पास किस तरह की चीज़े है। बच्चों का प्रैक्टीकल होना बेहद जरूरी है।
एक टेस्ट, एक मार्क्सशीट क्या बच्चों के सीखने की, उनके मानसिक विकास की Parameter हो सकती है?
आज सच्चाई ये है कि मार्क्सशीट, मानसिक प्रैशरशीट बन गई है: PM #ShikshakParv
— PMO India (@PMOIndia) September 11, 2020
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मार्कशीट के बल पर किसी बच्चे को मापना बेहद गलत बताया है। उन्होंने कहा कि आज के समय में हर कोई मार्कशीट पर बात करता है। बच्चे पर मार्कशीट को और बहतर बनाने के लिए दबाव बनाता है। ये मार्कशीट नहीं एक प्रेशरशीट बन गई है। बच्चों पर इस तरह का दबाव उनके जीवन में तनाव का कारण बन गया है। बच्चो को इस मार्कशीट के तनाव से निकालना बेहद जरूरी है।
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उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि अब वो वक्त है कि इस पर ध्यान दें कि परीक्षा का दबाव बच्चों पर किसी तरह ना पड़े। साथ ही कहा कि केवल परीक्षा के बल पर किसी बच्चे को मापा ना जाए इस पर ध्यान देना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि बच्चो का दिमाग बहुत शार्प होता है, वो हर पल में कुछ ना कुछ सीख रहें होते है। दोस्तो के बीच वो कुछ नया सीखते है, परिवार के बीच वो सीखते है, बाहर निकलते है तो सीखते है। बस उनसे कभी पूछा नहीं जाता कि आज क्या सीखा। केवल दबाव इस बात का बनाया जाता है कि मार्कशीट और बेहतर हो।
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राष्ट्रीय शिक्षा नीति में छात्रों को किसी भी विषय को चुनने की अनुमती दिये जाने को प्रधानमंत्री ने एक बडा सुधार बताया है। उन्होने कहा कि देश के सभी बच्चों को पूरा मौका देता है कि वो अपनी पंसद का विषय चुनकर आगे बड़ें। प्रधानमंत्री ने कहा कि बच्चों को बाहरी जिंदगी से अवगत कराना चाहिए। किताबों तक सीमित रहना कई बार बच्चों के लिए गलत साबित हो जाता है। साथ ही उन्होंने कहा कि दुनिया बहुत बड़ी, हर बच्चे में अपनी अपनी एक खूबी है।
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उन्होंने कहा ध्यान इस पर देना चाहिए कि बच्चे को क्या पसंद है और वो किस विषय पर बेहतर प्रदर्शन कर सकता है, उस पर काम करना चाहिए। बच्चों पर दबाव बनाकर मार्कशीट को सुधार बनाना कही से उचित नहीं है।