छत्तीसगढ़ बीजापुर में नक्सली मुठभेड़ में बलिदान हुए सीआरपीएफ जवान धर्मदेव कुमार का पार्थिव शरीर मंगलवार की शाम मोक्ष तीर्थ मणिकर्णिका घाट पर गंगा किनारे पंचतत्व में विलीन हो गया। घाट पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अन्तिम संस्कार किया गया। पिता रामाश्रय गुप्ता ने नम आंखों से मुखाग्नि दी।
इस दौरान घाट पर मौजूद लोग ‘जब तक सूरज चांद रहेगा, धर्मदेव तेरा नाम रहेगा, भारत माता की जय’ का गगनभेदी नारा लगाते रहे। घाट पर सीआरपीएफ के अफसरों के साथ वाराणसी और चंदौली के प्रशासनिक अफसर, गांव के लोग, रिश्तेदार और विभिन्न दलों के कार्यकर्ता भी मौजूद रहे।
चंदौली जनपद के शहाबगंज ठेकहां गांव निवासी किसान रामाश्रय गुप्ता के तीन पुत्रों में सबसे बड़े धर्मदेव कुमार (34) रविवार को छत्तीसगढ़ बीजापुर में हुए नक्सली मुठभेड़ में शहीद हो गए थे। उनका पार्थिव शरीर पूरे सम्मान के साथ वाहनों के काफिले में लेकर सीआरपीएफ के अफसर और जवान पैतृक गांव ठेकहां पहुंचे। इस दौरान वहां मौजूद कई गांवों के ग्रामीण युवा भारत माता की जय और धर्मदेव अमर रहे का गगनभेदी नारा लगाते रहे।
सीआरपीएफ जवानों की टुकड़ी ने बलिदानी को गार्ड ऑफ ऑनर दिया। दोपहर तक जिले के किसी जन प्रतिनिधि के वहां न पहुंचने पर ग्रामीणों के साथ परिजन भी नाराज रहे। परिजन व ग्रामीण प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बुलाने की मांग पर अड़ गए। उन्होंने कहा कि जब तक मुख्यमंत्री नहीं आएंगे, तब तक अंत्येष्टि नहीं होगी।
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दोपहर बाद जिले के प्रभारी मंत्री रमाशंकर पटेल, विधायक शारदा प्रसाद, विधायक सुशील सिंह, जिलाधिकारी संजीव सिंह, एसपी अमित कुमार, सीआरपीएफ कमांडेंट रामलखन और अन्य अफसर वहां पहुंचे और पूरे सम्मान के साथ तिरंगे में लिपटे बलिदानी को श्रद्धासुमन अर्पित किया।
अफसरों और विधायकों के काफी समझाने बुझाने पर परिजन माने। अपरान्ह में पार्थिव शरीर वाहनों के काफिले में लेकर परिजन सीआरपीएफ के जवानों के साथ वाराणसी मणिकर्णिका घाट के लिए रवाना हुए। अन्तिम यात्रा में जवान को विदाई देने के लिए जन सैलाब उमड़ पड़ा। पूरे राह लोग कतारबद्ध होकर बलिदान को नमन करते रहे। मणिकर्णिका घाट पर गलियों के रास्ते ताबूत में जवान का पार्थिव शरीर लाया गया।