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कब है कार्तिक माह की शिवरात्रि? नोट करें पूजा विधि

Mahashivratri

Mahashivratri

मासिक शिवरात्रि (Masik Shivratri) हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। इस हिसाब से कार्तिक माह की मासिक शिवरात्रि 11 नवंबर को पड़ रही है। यह दिन भगवान महादेव और माता पार्वती को समर्पित है। शिव पुराण के अनुसार, भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को हुआ था। इसलिए इस तिथि का विशेष महत्व है। मासिक शिवरात्रि (Masik Shivratri) के दिन व्रत रखकर महादेव के साथ माता पार्वती की पूजा करने से हर मनोकामना पूरी होती है। यह व्रत विवाहित महिलाएं और कुंवारी लड़कियां रखती हैं। इस व्रत के फल से विवाहित स्त्रियों को सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है। वहीं, अविवाहितों की शादी जल्दी हो जाती है।

कार्तिक मास शिवरात्रि (Masik Shivratri) शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 11 नवंबर को दोपहर 1 बजकर 57 मिनट पर शुरू होगी। यह तिथि अगले दिन 12 नवंबर को दोपहर 02:44 बजे समाप्त होगी। इस हिसाब से मासिक शिवरात्रि (Masik Shivratri) 11 नवंबर को मनाई जाएगी।

मासिक शिवरात्रि (Masik Shivratri) पूजा विधि

मासिक शिवरात्रि (Masik Shivratri) के दिन ब्रह्म बेला में उठकर सबसे पहले भगवान महादेव और माता पार्वती को प्रणाम करें। इसके बाद घर को साफ करके, गंगाजल युक्त जल से स्नान करें। व्रत का संकल्प लें और सफेद वस्त्र धारण करें। अब सबसे पहले सूर्य देव को जल अर्पित करें। इसके बाद पूजा घर में एक चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं और भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति स्थापित करें। अब पंचोपचार करें और भगवान शिव और माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा करें।

भगवान को सफेद फूल, फल, दूध, दही, पंचामृत, शहद, सुगंध, तिल, जौ, अक्षत आदि अर्पित करें। पूजा के दौरान शिव चालीसा का पाठ करें। अंत में मंत्र का जाप करें और आरती करें। इसके बाद शिव-पार्वती जी से सुख-समृद्धि की प्रार्थना करें। पूरे दिन निराहार रहें। शाम को आरती करें और फलाहार करें। इस समय कीर्तन और भजन के माध्यम से शिव जी का विवाह भी रचाया जा सकता है।

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