हिंदू धर्म में मासिक शिवरात्रि ( Masik Shivratri) का विशेष महत्व होता है। इस दिन लोग भगवान शिव की पूजा तथा व्रत का पालन करते हैं। मासिक शिवरात्रि ( Masik Shivratri) पर रात्रि में पूजा का खास महत्व होता है। भगवान शिव को समर्पित यह व्रत हर माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को किया जाता है। भगवान शिव को प्रसन्न कर उनकी कृपा पाने के लिए मासिक शिवरात्रि को सबसे उत्तम माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। इसके अलावा जीवन के सभी कष्टों से भी मुक्ति मिलती है।
कब है मासिक शिवरात्रि ( Masik Shivratri)
वैदिक पंचांग के अनुसार, माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत सोमवार, 27 जनवरी को रात्रि 8 बजकर 34 मिनट पर होगी। वहीं तिथि का समापन अगले दिन यानी मंगलवार को शाम 7 बजकर 35 मिनट पर होगा। शिवरात्रि का पूजन रात्रि के समय किया जाता है, इसलिए इस बार यह व्रत 27 जनवरी को किया जाएगा।
मासिक शिवरात्रि ( Masik Shivratri) पूजा का शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ माह की मासिक शिवरात्रि पर पूजा के शुभ मुहूर्त रात्रि 12 बजकर 7 मिनट से लेकर रात्रि 1 बजे तक रहेगा। ऐसे में भक्तों को भोलेनाथ की पूजा करने के लिए कुल 53 मिनट का समय मिलेगा।
मासिक शिवरात्रि ( Masik Shivratri) पूजा विधि
मासिक शिवरात्रि ( Masik Shivratri) के दिन सुबह उठकर स्नान आदि कर साफ-सुथरे कपड़े पहन लें। इसके बाद भगवान सूर्य को जल अर्पित करें। अब मंदिर की साफ कर गंगाजल छिड़ककर शुद्ध कर लें। एक चौकी पर शिवलिंग या शिव परिवार की तस्वीर रखें। शिवजी को जल, कच्चा दूध, गंगाजल, बेलपत्र, धतूरा, भांग, धूप-दीप, फल, फूल और मिठाई अर्पित करें। भोलेनाथ के सामने घी का दीपक जलाएं। फिर शिव चालीसा और मंत्रों का जाप करें। अंत में शिव जी की आरती करें और फिर प्रसाद का भोग लगाएं।