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‘पंजशीर के शेर’ मसूद की दहाड़, कहा- ‘सरेंडर’ जैसा शब्द मेरी डिक्शनरी में नहीं

ahmad shah masood

ahmad shah masood

अफगानिस्तान में ‘पंजशीर के शेर’ कहे जाने वाले अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद सीनियर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया गया है। वीडियो के साथ दावा किया गया है कि वह तालिबान के प्रति प्रतिबद्धता की अफवाह को खारिज कर रहे हैं।

दरअसल बीते दिनों तालिबान ने अफवाह उड़ाई थी कि अहमद आतंकी समूह में शामिल हो गए हैं जिसे उन्होंने खारिज कर दिया है। अपने पिता के नक्शे कदम पर चलते हुए अहमद भी अफगानियों के लिए तालिबान के खिलाफ खड़े हो गए हैं।

सोशल मीडिया पर एक वीडियो में अहमद अपने लड़ाकों के सामने भाषण दे रहे हैं। एक ट्वीट में Bernard-Henri Lévy ने लिखा, ‘मैंने अहमद मसूद से फोन पर बात की। उन्होंने मुझसे कहा कि वह अहमद शाह मसूद के बेटे हैं। आत्मसमर्पण जैसा शब्द उनके शब्दकोष में नहीं है। यह शुरुआत है। विरोध की शुरुआत हो चुकी है।’

अहमद के पिता पहले सोवियत संघ और फिर तालिबान के खिलाफ विरोध का प्रमुख चेहरा थे। काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद अब मसूद की विरासत उनके 32 वर्षीय बेटे ने संभाली है।

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अहमद ने अमरुल्ला सालेह, जो कार्यवाहक राष्ट्रपति होने का दावा कर रहे हैं, के साथ मिलकर अफगानिस्तान के पंजशीर प्रांत की सुरम्य घाटी से तालिबान विरोधी मोर्चा शुरू किया है। पंजशीर तालिबान विरोधी आंदोलन का केंद्र रहा है। 2001 में अहमद शाह मसूद को तालिबान और अल-कायदा ने साजिश के तहत मार गिराया था। उस वक्त अहमद सीनियर सिर्फ 12 साल के थे। सनद रहे कि काबुल

अहमद के लिए न ही अफगानिस्तान की मौजूदा परिस्थितियां नई हैं और न ही वह लड़ाई जिसके लिए उन्होंने हथियार उठाए हैं। बचपन से वह अपने पिता को आतंकियों के खिलाफ लड़ते हुए देख रहे हैं। उन्होंने 2019 में एक गठबंधन बनाया था जिसे ‘National Resistance Front of Afghanistan’ कहा जाता था। यह गठबंधन Northern Alliance की तर्ज पर तैयार किया गया था, जिसमें उनके पिता शामिल थे।

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