आगरा में 126 फर्जी फर्म खोलकर 700 करोड़ रुपये का कारोबार करने वाले मास्टरमाइंड नितिन वर्मा को सेंट्रल जीएसटी की टीम ने रविवार को गिरफ्तार कर लिया। आवास विकास कालोनी निवासी नितिन वर्मा ने फर्जी इनवॉइस जारी कर 102 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी और इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) लिया था। सीजीएसटी टीम ने उसे गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।
रविवार को केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी) आयुक्तालय आगरा के कमिश्नर ललन कुमार के निर्देशन में की गई कार्रवाई में 700 करोड़ रुपये के फर्जी कारोबार का मास्टरमाइंड नितिन वर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया। नितिन ने साल 2017 से 2019 के बीच फर्जी आधार नंबर और पैन नंबर से करीब 126 फर्जी फर्म अलग-अलग राज्यों में पंजीकृत कराई और उनके बीच बिना माल का लेनदेन किए 700 करोड़ के फर्जी इनवाइस, बिल और ई वे बिल जारी करके 102 करोड़ के टैक्स की चोरी और आइटीसी क्लेम कर ली। आवास विकास कालोनी निवासी नितिन वर्मा को रविवार सुबह उसके घर से गिरफ्तार कर शाम को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया है।
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यह कार्रवाई संयुक्त आयुक्त भवन मीना के मार्गदर्शन में सहायक आयुक्त अनिल शुक्ला, अधीक्षक ऋषि देव सिंह और संजय कुमार, निरीक्षक सतीश कुमार सिंह, कपिल कुमार, विपिन कुमार, अजय सोनकर, अनुराग सोनी ने अंजाम दी।
मास्टरमाइंड नितिन वर्मा ने 126 फर्जी कंपनियां बनाकर इस घोटाले को अंजाम दिया था। इसमें उसने ऐेसे लोगों के आधार कार्ड लिए, जो सीधे साधे थे। उन्हें पता ही नहीं कि उनके आधार कार्ड से फर्जी फर्म खोली गई है। सीजीएसटी की जांच में उसके खुद के दो आधार कार्ड मिले, जिन पर उसके पिता के नाम अलग अलग दर्ज हैं।
उसका एक साथी चंद्रप्रकाश कृपलानी जनवरी 2020 में सीजीएसटी गिरफ्तार कर चुकी है। तब 400 करोड़ के लेन देन की आशंका थी। कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में उसने फर्जी फर्म पंजीकृत कराईं और 6 माह बाद करोड़ो कें ई-बे बिल, आईटीसी क्लेम कर बंद कर देता था।