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मथुरा को मिला ‘कृष्ण लोक’: उत्तर प्रदेश का नवीनतम वेस्ट-टू-वंडर थीमैटिक पार्क

krishna lok

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लखनऊ/मथुरा। उत्तर प्रदेश के नगर विकास विभाग ने मथुरा-वृंदावन क्षेत्र में ‘कृष्ण लोक’ (Krishna Lok) नामक एक अद्वितीय थीमैटिक पार्क की घोषणा की है, जो न केवल भगवान श्रीकृष्ण के जीवन प्रसंगों को जीवंत करेगा, बल्कि कचरे से निर्मित रचनाओं के ज़रिए सतत विकास का भी संदेश देगा। यह भव्य प्रोजेक्ट मुख्यमंत्री वैश्विक नगरोदय योजना के अंतर्गत, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi)  के मार्गदर्शन में शुरू किया गया है।

वेस्ट-टू-वंडर मिशन की अगली कड़ी

‘शिवालय पार्क’ प्रयागराज और ‘यूपी दर्शन पार्क’ तथा ‘हार्मनी पार्क’ लखनऊ की सफलता से प्रेरित इस परियोजना को राज्य के वेस्ट-टू-वंडर मिशन की अगली कड़ी माना जा रहा है, जिसमें अब तक 900 से अधिक पार्क स्थापित किए जा चुके हैं।

संस्कृति, आध्यात्म और पर्यावरण का त्रिवेणी संगम

‘कृष्ण लोक’ (Krishna Lok) न केवल एक मनोरंजन स्थल है, बल्कि यह भगवान श्रीकृष्ण के जीवन के विभिन्न चरणों – जन्म, बालकाल, युवा काल और मध्यकाल – को कलात्मकता और तकनीकी प्रभावों के माध्यम से प्रस्तुत करेगा।

कचरे को चमत्कार में बदलने की राज्य सरकार की सोच

अमृत अभिजात (प्रमुख सचिव, नगर विकास विभाग) ने कहा: “कृष्ण लोक (Krishna Lok) केवल एक पार्क नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक आंदोलन है। यह कचरे को चमत्कार में बदलने की राज्य सरकार की सोच का हिस्सा है, जो स्वच्छता के साथ-साथ सांस्कृतिक जड़ों को भी मज़बूत करता है।”

पर्यावरणीय जागरूकता और रोजगार को बल

‘कृष्ण लोक’ (Krishna Lok) जैसी परियोजनाएं शहरी क्षेत्रों में हरित स्थलों का निर्माण, कचरे के पुन: उपयोग और सामुदायिक सहभागिता को प्रोत्साहित करती हैं। इससे न केवल स्थानीय कला और शिल्पकारों को मंच मिलेगा, बल्कि हजारों लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।

आने वाले समय में और भी थीमैटिक पार्क:

नगर विकास विभाग की योजना है कि उत्तर प्रदेश के अन्य नगरों में भी ऐसे वेस्ट-टू-वंडर थीमैटिक पार्क बनाए जाएं जो स्थानीय संस्कृति के प्रतीक बनें और शहरी सौंदर्यीकरण को नई दिशा दें।

विशेष आकर्षण

▪️पूतना वध, कालिया नाग, गोवर्धन धारणा, कंस वध, रासलीला, रुक्मिणी विवाह, महाभारत प्रसंग आदि।

▪️3D मॉडलिंग, प्रकाश और ध्वनि प्रभावों द्वारा दर्शकों को इमर्सिव अनुभव प्रदान किया जाएगा।

▪️लोककला, नैतिक शिक्षा, भक्ति भावना और सांस्कृतिक मूल्यों का संरक्षण।

मुख्य उद्देश्य और संकल्पना:

▪️श्रीकृष्ण के जीवन से प्रेरणा, नैतिक शिक्षा और संस्कृति का प्रसार

▪️बच्चों और पर्यटकों के लिए मनोरंजन व शिक्षण केंद्र।

▪️पर्यटन को बढ़ावा और रोजगार सृजन।

▪️आध्यात्मिक अनुभव को आधुनिक तकनीकों से जोड़ना

▪️अपसाइकलिंग और पर्यावरण संरक्षण का संदेश।

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