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इस दिन मनाई जाएगी मौनी अमावस्या, जानें पूजा-दान और स्‍नान का महत्‍व

Mauni Amavasya

Mauni Amavasya

माघ मास की मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) का सनातन धर्म में विशेष महत्व है। इस दिन स्नान, ध्यान, पूजा, तप और दान पुण्यदायक माना जाता है। हर साल माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के अगले दिन मौनी अमावस्या मनाई जाती है। इस वर्ष मौनी अमावस्या नौ फरवरी को पड़ रही है। इस दिन श्रद्धालु गंगा, नर्मदा समेत अन्य पवित्र नदियों में स्नान करेंगे। साथ ही विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा की जाएगी।

नर्मदा किनारे पुण्य की डुबकी लगाने वालों की भीड़ उमड़ेगी। मान्यता है कि मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) के दिन पूजा-पाठ, दान-पुण्य करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। ज्योतिषियों के अनुसार, इस बार मौनी अमावस्या के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ ही वारियान योग का अद्भुत संयोग बनेगा। इस संयोग पर भगवान विष्णु की पूजा विशेष शुभ मानी जाती है।

उदयातिथि से नौ फरवरी को

ज्योतिषाचार्य जनार्दन शुक्ला के अनुसार , माघ अमावस्या 9 फरवरी को सुबह 08:02 बजे शुरू होगी। यह 10 जनवरी को प्रातः 04:28 बजे समाप्त होगी। सनातन धर्म में दिनों की गिनती उदया तिथि से की जाती है। इसलिए मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) नौ फरवरी को है।

सुबह व शाम को बनेंगे योग

मौनी अमावस्या प(Mauni Amavasya) र सबसे पहले अति शुभ माना जाने वाला सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। इस योग का निर्माण सुबह 07:05 बजे शुरू होगा और रात 11:29 बजे समाप्त होगा। वहीं, शाम 7.08 बजे से वरियान योग शुरू होगा। मान्यतानुसार इन योगों में पूजा, जप, तप और दान करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

पूजन के मुहूर्त

मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) पर पूजन के लिए प्रातः काल 5.21 से रात 01 बजे तक शुभ मुहूर्त हैं। ब्रह्म मुहूर्त प्रातः 05.21 मिनट से 06.13 मिनट तक, विजय मुहूर्त दोपहर 02.26 मिनट से 03.10 मिनट तक, गोधूलि मुहूर्त : शाम 06.04 मिनट से 06.30 मिनट तक व निशिता मुहूर्त रात्रि 12.09 मिनट से 01.01 मिनट तक रहेगा।

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