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छह घंटे पहले मायावती ने अखिलेश यादव को कहा जन्मदिन मुबारक, राजनीतिक अटकले तेज

Mayawati congratulated Akhilesh Yadav on his birthday

Mayawati congratulated Akhilesh Yadav on his birthday

लखनऊ। आज यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) का 50वां जन्मदिन है। बधाई देने का सिलसिला जारी है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के जन्मदिन पर शनिवार को सुबह बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने उन्हें बधाई दी। उन्होंने एक ट्वीट में अखिलेश यादव व उनके परिवार वालों को हार्दिक बधाई देते हुए उनकी अच्छी सेहत के साथ लंबी उम्र की शुभकामनाएं दी हैं।

मायावती (Mayawati)  ने ट्वीट कर अखिलेश यादव को शुभकामनाएं दी हैं। ये ट्वीट सवेरे 8:30 बजे का है। उनके ट्विटर के टाइमलाइन पर पिछले साल के हैप्पी बर्थ डे का ट्वीट भी है। दोनों ट्वीट को ध्यान से देखने पर कुछ विशेष फर्क नज़र नहीं आता। शब्द और भावना भी एक जैसे हैं। पर सबसे बड़ा अंतर तो टाइमिंग का है। मायावती (Mayawati) ने पिछले साल अखिलेश को जन्म दिन की बधाई दोपहर में दी थी। ट्वीट का समय है 2:30 बजे।

पिछले साल के मुकाबले में ठीक 6 घंटे पहले। अब इस टाइमिंग के भी मायने निकाले जा रहे हैं। कुछ लोग कह सकते हैं कि बाल की खाल निकाली जा रही है। पर राजनीति में संकेतों को ऐसे ही पढ़ा जाता है। लोकसभा चुनाव को लेकर देश भर में सक्रियता बढ़ गई है। राजनीतिक समीकरण बन और बिगड़ रहे हैं।

अखिलेश यादव का 50वां जन्मदिन कल्याण दिवस के रूप में मनाएंगे सपाई

बीजेपी के खिलाफ विपक्षी एकता के बीच यूपी में भी बिहार की तरह महा गठबंधन बनाने की चर्चा ज़ोर पकड़ रही है। यूपी में लोकसभा की 80 सीटें हैं। बीजेपी अपने सामाजिक समीकरण के कारण यहां बड़ी राजनीतिक ताक़त बनी हुई है। विपक्ष के नेताओं का मानना है कि बीजेपी से मुक़ाबले के लिए सबको साथ आना चाहिए। अभी तक तो समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और आरएलडी के बीच गठबंधन पर बातचीत जारी है। अब इसमें बीएसपी को भी शामिल किए जाने की बात शुरू हो गई है। समाजवादी पार्टी के सांसद शफ़ीक़ुर रहमान बर्क ये मांग सार्वजनिक रूप से कर चुके हैं।

 बदलते राजनैतिक रिश्तों के संकेत

कांग्रेस के अंदर भी कई नेता बीएसपी को गठबंधन में लाने की वकालत कर रहे हैं। मायावती (Mayawati)  की पार्टी के लोग भी यही चाहते हैं। ओम प्रकाश राजभर ने भी कहा है कि अगर मायावती भी विपक्षी गठबंधन में आती हैं तो फिर उनका भी समर्थन है। मायावती अब तक इस मुद्दे पर ख़ामोश हैं। लेकिन आज के उनके ट्वीट क्या बदलते राजनैतिक रिश्तों के संकेत दे रहे हैं।

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