नयी दिल्ली। मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन के निधन पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने मंगलवार को गहरा शोक व्यक्त किया। बसपा सुप्रीमो ने ट्विट किया- लालजी के निधन होने की खबर अति-दुःखद व उनके परिवार के प्रति मेरी गहरी संवेदना।
मध्यप्रदेश के गवर्नर व यूपी में बीजेपी की सरकार में कई बार वरिष्ठ मंत्री रहे श्री लालजी टण्डन, जो काफी सामाजिक, मिलनसार व संस्कारी व्यक्ति थे, उनका इलाज के दौरान आज लखनऊ में निधन होने की खबर अति-दुःखद व उनके परिवार के प्रति मेरी गहरी संवेदना।
— Mayawati (@Mayawati) July 21, 2020
यूपी में तीन दिन का राजकीय शोक
लालजी टंडन के निधन पर उत्तर प्रदेश सरकार ने तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया।
मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने मेदांता अस्पताल में ली अंतिम सांस
मेदांता हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉक्टर राकेश कपूर ने बताया कि आज सुबह 5:35 बजे मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन का निधन हो गया है। उनकी किडनी के साथ-साथ लिवर फंक्शन भी गड़बड़ा गया था।
लालजी टंडन के अंतिम दर्शन
लालजी टंडन के अंतिम दर्शन आज सुबह 10 से 12 बजे तक कोठी नं 9 त्रिलोकनाथ रोड, हजरतगंज और दोपहर 12 बजे से अपने निवास 64, सोंधी टोला, चौक, लखनऊ पर होंगे। उनकी अंतिम यात्रा शाम 4 बजे गुलाला घाट, चौक के लिए प्रस्थान करेगी
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1960 से शुरु हुआ था लालजी टंडन का राजनीति सफर
12 अप्रैल 1935 को लखनऊ में जन्मे लालजी टंडन 1958 में शादी के बंधन में बंध गए। उन्होने स्नातक तक क शिक्षा हासिल की है। उनके पुत्र गोाल जी टंडन इस समय यूपी की योगी सरकार में मंत्री हैं। एमपी के राज्यपाल लालजी टंडन ने राजनीतिक सफर की शुरुआत 1960 में की थी। टंडन दो बारा पार्षद चुने गए और दो बार विधान परिषद के सदस्य भी रहे। उन्होंने इंदिरा गांधी की सरकार के खिलाफ जेपी आंदोलन में भी बढ़चढ़कर हिस्सा लिया था। लालजी टंडन को यूपी क राजनीति में कई अहम प्रयोगों के लिए भी जाना जाता है। 90 के दशक में प्रदेश में भाजपा और बसपा की गठबंधन सरकार बनाने में भी उनका अहम योगदान माना जाता है।