बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने कहा कि उनकी पार्टी के लोगों को कैडर पर ज्यादा भरोसा करना चाहिए न कि उन नेताओं पर जो निजी स्वार्थ को इतना महत्त्व दे देते हैं कि पार्टी व मूवमेन्ट को भी आघात लगाने से नही हिचकते हैं और बिक जाते है। भले ही इसका एहसास उन्हें बाद में होता है।
सुश्री मायावती ने शनिवार को यूपी में पार्टी से जुड़े विभिन्न समुदायों और वर्गों के लोगों के साथ बैठक में कहा कि बसपा अन्य पार्टियों से एकदम अलग सर्वसमाज के गरीबों व उपेक्षितों के हक- हकूक व उनके हित व कल्याण के लिए उनके योगदान पर संघर्ष करने वाली कैडर पर आधारित पार्टी है। इसीलिए पार्टी की जमीनी तैयारियाँ व इसकी मजबूती के लिए छोटी-छोटी कैडर बैठकों का सिलसिला हर हाल में मिशनरी भावना के तहत लगातार जारी रखना है। पार्टी के लोगों को कैडर पर ज्यादा भरोसा करना चाहिए न कि उन नेताओं पर जो निजी स्वार्थ को पार्टी हित से ज्यादा महत्त्व देते हैं व बिक जाते है।
बसपा अध्यक्ष ने कहा कि बसपा सर्वसमाज की हितैषी पार्टी है और इसीलिए अपने सभी चारों शासनकाल में यहाँ सर्वसमाज के लिए तथा कमजोर तबकों के लिए खास तौर से अनगिनत ठोस कार्य किये हैं जिसमें कई ऐतिहासिक महत्त्व के हैं, लेकिन दुःखद है कि बाद की सरकारों ने अपने स्वार्थ, राजनीतिक द्वेष व जातिवादी मानसिकता आदि के कारण उन्हें रोक दिया जिससे समाज के लोग प्रभावित हुए और अभी भी हो रहे हैं।
उन्होने कहा कि किस-किस पार्टी को कितना-कितना चन्दा मिलता है इससे सम्बंधित खबरें मीडिया में लगातार आती रहती हैं, जिससे स्पष्ट है कि बी.एस.पी. एक अलग पार्टी है व धन्नासेठों व बड़े-बड़े पूंजीपतियों आदि के धनबल व उनके इशारों पर चलने वाली गुलाम मानसिकता वाली पार्टी बिल्कुल नहीं है।
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि जमीनी स्तर पर पार्टी संगठन की मजबूती के साथ-साथ आगामी विधानसभा चुनाव के लिए भी पार्टी के लोगों को कैडर बैठक का ही सहारा लेना है और उन मीटिंगों में उन्हें याद दिलाना है कि किस प्रकार से बसपा ने सभी चारों शासनकाल में यहाँ सर्वसमाज के लिए आम तौर से तथा कमजोर तबकों के लिए खास तौर से एक-दो व गिने-चुने नुमाइशी काम नहीं बल्कि अनगिनत ठोस कार्य हैं।
उन्होने कहा कि पार्टी के लोगों को कैडर पर ज्यादा भरोसा करना चाहिए न कि उन नेताओं पर जो बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर और कांशीराम जी का नाम तो लेते हैं लेकिन निजी स्वार्थ को इतना महत्त्व दे देते हैं कि पार्टी व मूवमेन्ट को भी आधात लगाने से नहीे हिचकते हैं और बिक जाते है। लेकिन अन्ततः ऐसे लोग पार्टी से ज्यादा अपना ही अहित करते हैं भले ही इसका एहसास उन्हें बाद में होता है। ऐसे लोगों से सावधानी बनाए रखना जरूरी है।