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‘ इनके इस नाटक से सचेत रहें…’, राहुल गांधी के बयान पर मायावती का पलटवार

Mayawati

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लखनऊ। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के विदेश में दिए गये बयान में मंगलवार को बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती (Mayawati) ने मंगलवार को हमला बोला है। उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना कराने वाली यह पार्टी अब इसकी आड़ में सत्ता में आने का सपना देख रही है। इनके इस नाटक से सचेत रहें जो आगे कभी भी जातीय जनगणना नहीं करा पाएगी।

मायावती (Mayawati)  ने सोशल मीडिया एक्स पर ताबाड़तोड़ पांच पोस्ट किए। इसमें उन्होंने राहुल गांधी के उस बयान पर हमलावर हुई हैं। जो उन्होंने विदेश में दिया है। उन्होंने विदेश में यह कहा है कि भारत जब बेहत्तर स्थिति में होगा तो हम एससी-एसटी और ओबीसी का आरक्षण खत्म कर देंगे। इस पर मायावती ने कहा कि केन्द्र में काफी लम्बे समय तक सत्ता में रहते हुए कांग्रेस पार्टी की सरकार ने ओबीसी आरक्षण को लागू नहीं किया। और ना ही देश में जातीय जनगणना कराने वाली यह पार्टी अब इसकी आड़ में सत्ता में आने के सपने देख रही है। इनके इस नाटक से सचेत रहें जो आगे कभी भी जातीय जनगणना नहीं करा पाएगी।

कांग्रेस पार्टी के सर्वेसर्वा राहुल गांधी के इस नाटक से भी सर्तक रहें जिसमें उन्होंने विदेश में यह कहा है कि भारत जब बेहत्तर स्थिति में होगा तो हम एससी—एसटी और ओबीसी का आरक्षण खत्म कर देंगे। इससे स्पष्ट है कि कांग्रेस वर्षों से इनके आरक्षण को खत्म करने के षडयंत्र में लगी है। मायावती (Mayawati) ने कहा कि इन वर्गों के लोग कांग्रेस नेता राहुल गाँधी के दिए गए इस घातक बयान से सावधान रहें, क्योंकि यह पार्टी केन्द्र की सत्ता में आते ही, अपने इस बयान की आड़ में इनका आरक्षण जरूर खत्म कर देगी। ये लोग संविधान व आरक्षण बचाने का नाटक करने वाली इस पार्टी से जरूर सजग रहें।

जबकि सच्चाई में कांग्रेस शुरू से ही आरक्षण-विरोधी सोच की रही है। केन्द्र में रही इनकी सरकार में जब इनका आरक्षण का कोटा पूरा नहीं किया गया तब इस पार्टी से इनको इन्साफ ना मिलने की वजह से ही बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर ने कानून मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। लोग सावधन रहें। कुल मिलाकर, जब तक देश में जातिवाद जड़ से खत्म नहीं हो जाता है तब तक भारत की स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर होने के बावजूद भी इन वर्गों की सामाजिक, आर्थिक व शैक्षणिक हालत बेहतर होने वाली नहीं है। अतः जातिवाद के समूल नष्ट होने तक आरक्षण की सही संवैधानिक व्यवस्था जारी रहना जरूरी।

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