नई दिल्ली। आरबीआई ने गैर-बैंकिंग वित्तीय सेवाएं देने वाली कंपनी बजाज फाइनेंस पर 2.5 करोड़ रुपए का जुर्माना ठोका दिया है। यह जुर्माना रेग्युलेटरी नॉर्म्स का उल्लंघन करने पर लगाया। आरबीआई ने बताया कि कंपनी के खिलाफ रिकवरी और कलेक्शन के लिए गलत तरीकों के इस्तेमाल की ग्राहकों से बार-बार शिकायतें मिल रही थीं। रिजर्व बैंक ने बताया कि बजाज फाइनेंस, पुणे पर आरबीआई की ओर से जारी जोखिम प्रबंधन और आचार संहिता के निर्देशों का उल्लंघन किया। कंपनी के खिलाफ निष्पक्ष व्यवहार संहिता के उल्लघंन की शिकायतें भी मिली थीं। ऐसे में कंपनी पर रेग्युलेटरी नियमों का उल्लंघन करने के लिए यह जुर्माना ठोका गया है।
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इसके अलावा कंपनी ने सभी एनबीएफसी के लिए लागू की गई निष्पक्ष व्यवहार संहिता की भी अनदेखी की। केंद्रीय बैंक ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया एक्ट, 1934 (RBI Act] 1934) की धारा-58G की उपधारा-1 के क्लॉज (B) को धारा-58B की उपधारा-5 के क्लॉज-aa के साथ पढ़ने पर मिली शक्तियों के तहत बजाज फाइनेंस के खिलाफ यह कार्रवाई की। आरबीआई के मुताबिक, कंपनी यह सुनिश्चित नहीं कर पाई कि जब उसके रिकवरी एजेंट ग्राहकों से वसूली करने जाएं तो उनका उत्पीड़न ना होने पाए।
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जुर्माने से पहले RBI ने भेजा था कारण बताओ नोटिस
आरबीआई ने जुर्माना ठोकने से पहले बजाज फाइनेंस को कारण बताओ नोटिस भेजकर पूछा था कि नियमों के उल्लंघन के मामले में क्यों ना कंपनी के खिलाफ जुर्माना की कार्रवाई की जाए। इस पर मिले जवाब के बाद केंद्रीय बैंक ने फैसला किया कि कंपनी पर जुर्माना लगाया जाना चाहिए। आरबीआई ने कहा कि यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है। साथ ही कहा कि जुर्माने की कार्रवाई का कंपनी की ओर से अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल उठाने का कोई इरादा नहीं है।