उत्तर प्रदेश अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल ने बताया कि उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री के निर्देश पर ट्रेस, ट्रैक और ट्रीट की नीति बनी है।
इसमें हमारी टीमें गांव में घर-घर जाकर, लक्षण वाले व्यक्तियों को तलाश रहे हैं। अगर ऐसे लोग मिल रहे हैं तो आरआरटी टीम के जरिए उनका एंटीजन टेस्ट किया जा रहा है। इसके साथ ही सभी को मेडिकल किट भी उपलब्ध करवाई जा रही है।
यह रणनीति कितनी सफल है इसे आंकड़ों से समझिए- 30 अप्रैल को उत्तर प्रदेश में 3 लाख 10 हजार एक्टिव केस थे, वो आज घटकर एक लाख 77 हजार 143 रह गए हैं। 30 अप्रैल को 38 हजार केस रोजाना आ रहे थे वो केस आज 12 हजार के करीब आए हैं। उत्तर प्रदेश ने इतनी बड़ी जनसंख्या होने बावजूद जो मॉडल पेश किया है, इसकी सराहना हो रही है।
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उन्होंने आगे कहा, “WHO की टीम भी ने भी हमारी सराहना की है। WHO की टीम भी हमारे ट्रेस, ट्रैक और ट्रीट की नीति की समीक्षा कर रही है। इसके साथ ही जो आंशिक कर्फ्यू लगा है उसका भी फायदा मिला है। इतनी बड़ी जनसंख्या के प्रदेश में ऐसी रणनीति मुख्यमंत्री के नेतृत्व और कमिटमेंट को दिखाता है।”
“लगातार बढ़ रही बेड की संख्या”
उन्होंने आगे बताया कि प्रदेश में बेड की संख्या लगातार बढ़ रही है। मार्च से अब तक 30 हजार बेड अतिरिक्त बढ़े हैं। नॉन ऑक्सीजन बेड को भी ऑक्सीजन बेड में बदलने की कोशिश की जा रही है। सामान्य तौर पर 300 मीट्रिन टन ऑक्सीजन सप्लाई होती थी, कल 11 सौ मीट्रिक टन सप्लाई हुई है। ऑक्सीजन के टैंकर को जीपीएस लगाकर ट्रैक किया जा रहा है।
नीति आयोग ने भी इसकी तारीफ की है। इसके साथ ही बचाव के लिए टीकाकरण की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। अभी तक प्रदेश में एक करोड़ 44 लाख डोज दी जा चुकी हैं। 18 से 44 साल के लोगों के लिए टीकाकरण को तेज किया गया है। सोमवार से 23 जिलों में 18 से 44 साल के लोगों टीका लगने लगेगा। ब्लैक फंगस को लेकर भी मुख्यमंत्री ने सुझाव लेकर इस बीमारी को लेकर एक गाइडलाइंस जारी की है,