नयी दिल्ली। केंद्र ने मंगलवार को उच्चतम न्यायालय को बताया कि किसी भी देश में चिकित्सकीय ऑक्सीजन असीमित नहीं होती और प्रधानमंत्री द्वारा सतत तथा लगातार निगरानी से कोविड-19 मरीजों को युद्ध स्तर पर राहत मुहैया करायी जा रही है।
सरकार ने कहा कि देश में उपलब्ध ऑक्सीजन सभी राज्यों को खासकर कोविड-19 के ज्यादा मामलों से जूझ रहे राज्यों को संतुलित तरीके से मुहैया करायी जा रही है। गृह मंत्रालय ने कहा कि कोविड-19 के मामलों में अप्रत्याशित बढ़ोतरी के कारण उपलब्ध संसाधन के हिसाब से कुछ तंगी हुई जिससे पेशेवर तरीके से निपटना होगा और सही इस्तेमाल करना होगा।
केंद्र ने कहा कि चिकित्सकीय ऑक्सीजन की कमी से निपटने के लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय युद्ध स्तर पर 162 पीएसए (स्थानीय स्तर पर ऑक्सीजन उत्पादन के लिए अपनायी जाने वाली तकनीक) संयंत्र लगाने की प्रक्रिया में है। महामारी के दौरान जरूरी सामानों और सेवाओं के वितरण पर स्वत: संज्ञान लिए गए मामले में केंद्र ने 200 पन्ने का हलफनामे दाखिल किया है।
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न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट की पीठ ने हलफनामे को रिकॉर्ड पर रखा और मामले में शुक्रवार को अगली सुनवाई होगी। सरकार ने कहा है कि यह उल्लेख करना जरूरी है कि किसी भी देश में चिकित्सकीय आॅक्सीजन असीमित नहीं है। सरकार ने ऑक्सीजन संसाधन को जुटाने के लिए तमाम प्रयास शुरू कर दिए हैं और उपलब्ध सभी स्रोतों से और ऑक्सीजन हासिल करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। किसी भी समय उपलब्ध आॅक्सीजन को देश के सभी राज्यों खासकर कोविड-19 के ज्यादा उपाचाराधीन मरीजों वाले राज्य में संतुलित तरीके से इसका वितरण किया जाना है।
हलफनामे में कहा गया कि महाराष्ट्र में उत्पादन क्षमता से ज्यादा मांग है वहीं मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में चिकित्सकीय ऑक्सीजन की मांग को पूरा करने के लिए उत्पादन क्षमता नहीं है। इसके अलावा उत्पादन करने वाले राज्यों में भी ऑक्सीजनन की मांग बढ़ रही पीएसए संयंत्रों की शुरुआत के संबंध में केंद्र ने कहा है कि ये प्लांट अस्पतालों में लगाए जाएंगे।
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केंद्र ने कहा कि ऐसे 38 संयंत्र लगाए जा चुके हैं तथा 30 अप्रैल 2021 तक 21 और संयंत्र स्थापित किए जाएंगे। इसके बाद 31 मई तक 105 संयंत्र लगाए जाएंगे। वहीं 30 जून तक ऐसे संयंत्रों की संख्या 156 हो जाएगी। इसके अतिरिक्त छोटे शहरों और कस्बों में आॅक्सीजन की उपलब्धता बढ़ाने के लिए जिला मुख्यालयों में अस्पतालों में 500 और पीएसए संयंत्र स्थापित किए जाने हैं।