मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को वर्चुअल माध्यम से बैठक में प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा की। इस दौरान योगी ने कहा कि सभी के सहयोग से राज्य में कोविड संक्रमण को नियंत्रित करने में उल्लेखनीय सफलता मिली है।
इसके बावजूद हमें यह ध्यान रखना होगा कि कोरोना अभी समाप्त नहीं हुआ है। निरन्तर सतर्कता एवं सावधानी बरतते हुए ‘ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट’ पॉलिसी को प्रभावी ढंग से जारी रखा जाए। उन्होंने प्रदेशवासियों को कोरोना संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए कोरोना वैक्सीनेशन की कार्रवाई को और तेज किए जाने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने बच्चों में वायरल बुखार के लिए मेडिसिन किट तैयार किए जाने के सम्बन्ध में प्रगति की जानकारी ली। उन्होंने निर्देश दिए कि यह किट निगरानी समितियों को उपलब्ध करा के 15 जून से वितरण कराया जाए। अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि ब्लैक फंगस के मरीजों को केंद्र सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई दवाओं के अतिरिक्त, विशेषज्ञों के परामर्श के अनुसार वैकल्पिक दवाई भी उपलब्ध करायी जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सामुदायिक, प्राथमिक एवं उप स्वास्थ्य केन्द्रों और हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर के सुदृढ़ीकरण कार्य को गुणवत्तापरक तथा समय-सीमा में पूर्ण कराया जाए. इसके लिए कार्य की प्रगति की नियमित समीक्षा भी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस वर्ष बरसात का मौसम समय से कुछ पहले प्रारम्भ हो गया है। इससे इस मौसम में होने वाली इंसेफेलाइटिस, डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया जैसी संक्रामक बीमारियों की आशंका भी बढ़ गई है। इसको देखते हुए सभी सम्बन्धित विभागों एवं जिलों के अधिकारियों की बैठक कर इन बीमारियों की रोकथाम के सम्बन्ध में कार्रवाई को तेजी से आगे बढ़ाया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाइज काॅरपोरेशन द्वारा क्रय की जाने वाली दवाएं कम्पनी रेट पर ही खरीदी जाएं। जिलों में डायलिसिस की सुविधा को सुदृढ़ किया जाए।
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बैठक में अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में ऑक्सीजन की डिमाण्ड निरन्तर कम हो रही है। विगत 24 घण्टों में राज्य में 325 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई है। अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों तथा रीफिलर्स के पास पर्याप्त बैकअप के साथ ऑक्सीजन उपलब्ध है। राज्य में ऑक्सीजन संयंत्रों की स्थापना की कार्रवाई की नियमित समीक्षा की जा रही है। प्रदेश में क्रियाशील, निर्माणाधीन एवं अनुमन्य कुल ऑक्सीजन संयंत्रों की संख्या बढ़कर अब 427 हो गई है। इनमें से 78 ऑक्सीजन संयंत्र कार्यशील हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिलों को उपलब्ध कराए गए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स तथा स्थापित हो रहे ऑक्सीजन संयंत्रों को निरन्तर कार्यशील बनाए रखने के लिए उनके रखरखाव की बेहतर व्यवस्था विकसित की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के अन्य राज्यों की अपेक्षा उत्तर प्रदेश में कोरोना वैक्सीनेशन का कार्य बेहतर और प्रभावी ढंग से चल रहा है। राज्य में वैक्सीनेशन सेंटर पर वेटिंग एरिया तथा ऑब्जरवेशन एरिया की व्यवस्था से वैक्सीनेशन के लिए आने वाले लोगों को अधिक समय तक इंतजार नहीं करना पड़ रहा है। प्रदेश में कोरोना वैक्सीनेशन की कार्रवाई से आम जनमानस संतुष्ट है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोरोना वैक्सीनेशन के कार्य की गुणवत्ता को इसी प्रकार बनाए रखते हुए टीकाकरण कार्य को गति दी जाए। अधिक से अधिक प्रदेशवासियों को यथाशीघ्र वैक्सीनेट करने के लक्ष्य के साथ कोरोना वैक्सीनेशन का कार्य किया जाए।
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बरसात में बाढ़ एवं विभिन्न बीमारियों की आशंका को देखते हुए वैक्सीनेशन का कार्य प्रभावित हो सकता है। इसे ध्यान में रखकर वैक्सीनेशन की कार्रवाई की गति अभी से बढ़ाकर रखनी होगी। जून में प्रतिदिन औसतन 5 लाख वैक्सीन दी जानी चाहिए। जुलाई एवं अगस्त में प्रतिदिन 10 लाख वैक्सीन एडमिनिस्टर करने का लक्ष्य होना चाहिए। 21 जून के पश्चात 18 से 44 वर्ष आयु वर्ग के लिए भी केंद्र द्वारा निःशुल्क वैक्सीन उपलब्ध कराई जाएगी। इस आयु वर्ग के वैक्सीनेशन के लिए राज्य सरकार द्वारा व्यवस्था की गई सभी वैक्सीन का 21 जून तक उपयोग कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि वैक्सीनेशन की कार्रवाई में वेस्टेज को न्यूनतम रखने के हर सम्भव प्रयास किए जाने चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के सभी जनपदों में सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक आंशिक कोरोना कर्फ्यू में छूट दी गयी है। छूट की अवधि में कोरोना गाइडलाइंस का पूर्णतया पालन सुनिश्चित कराया जाए। आंशिक कोरोना कर्फ्यू में छूट के दौरान लोग मास्क का इस्तेमाल और दो-गज की दूरी का पालन करें। छूट की अवधि में किसी भी स्थल पर अनावश्यक भीड़-भाड़ न हो। इसके लिए पुलिस द्वारा पेट्रोलिंग को व्यापक रूप से बढ़ाया जाए। साथ ही, फुट पेट्रोलिंग भी की जाए. आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाए।