लखनऊ। सूबे के आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्र (Dayashankar Mishra) ने राजधानी के आयुर्वेदिक कॉलज और निर्माणशाला का पहली बार निरीक्षण किया। मंत्री ने अफसरों से दो टूक कहा कि मरीजों को अस्पताल से अधिक से अधिक दवाएं उपलब्ध कराई जाएं। मरीजों को बाहर से दवाएं न खरीदनी पड़ें। कॉलेज में निरीक्षण के बाद ही वह पास में ही दवा निर्माणशाला पहुंचे। यहां दवाओं के निर्माण के बारे में जानकारी हासिल की। फिर अफसरों को दवाई से लेकर सफाई तक दुरुस्त रखने की सलाह देकर चले गए।
परिसर का किया निरीक्षण
टूडिय़ागंंज स्थित राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज एवं अस्पताल में अपने पहले निरीक्षण पर पहुंचे मंत्री दयाशंकर मिश्र ने पढ़ाई कर रहे छात्रों से लेकर अस्पताल के डॉक्टरों से बातचीत की। अस्पताल के हालात जानते हुए पूरे परिसर का निरीक्षण किया। कई साल से निर्माणाधीन न्यू ओपीडी अभी तक हैंडओवर न होने के बारे में जानकारी हासिल की। ओपीडी में वायरिंग आदि काफी काम अधूरा है।
मंत्री ने अस्पताल परिसर में गठिया उपचार एवं उन्नत शोध केंद्र को देखा और उसके प्रमुख डॉ. संजीव रस्तोगी व प्र्रधानाचार्य डॉ. प्रकाश चंद्र सक्सेना से बातचीत कर उनके कार्य की सराहना भी की। इस मौके पर अस्पताल के मेडिकल अफसर डॉ. धर्मेंद्र, डॉ. शचि, डॉ. शशि, डॉ. सुधा सिंह, डॉ. पीके श्रीवास्तव, डॉ. राजकुमार यादव, डॉ. अनंत कृष्ण, डॉ. दीपक मिश्रा समेत अन्य मौजूद रहे।
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निर्माणशाला में किया निरीक्षण
अस्पताल के बाद मंत्री ने टिकैतगंज स्थित राजकीय आयुर्वेद औषधि निर्माणशाला का निरीक्षण किया। यहां पर अधीक्षक डॉ. बृजेश कुमार के साथ पूरे परिसर को देखा। दवा निर्माण, प्रयोगशाला आदि देखा। दवाओं की गुणवत्ता को बेहतर रखने के निर्देश दिए।